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राजस्थान: बलात्कार के बाद फेंक दी गई दलित युवती की मौत, मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे BJP नेता और परिवार

मामले को लेकर धरने पर बैठे BJP के सांसद डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर पूरी जांच तक सब संदेह के घेरे में है. आरोप है कि दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ भी लिया था मगर राजनीतिक दबाव की वजह से उन्हें छोड़ दिया गया.

family of victim family of victim
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 20 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST
  • घायल हालत में फेंक दी गई थी युवती
  • मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठा परिवार

राजस्थान में बलात्कार कर घायल अवस्था में तालाब किनारे फेंक दी गई दलित युवती की जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में मौत हो गई है. मौत के बाद परिजनों और BJP नेताओं ने मोर्चरी के बाहर भारी हंगामा मचाया और शव लेने से इनकार करते हुए धरने पर बैठ गए हैं.

मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठा परिवार

इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और जांच की मांग को लेकर परिजनों समेत BJP के राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा अस्पताल की  मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. परिजनों ने आरोप लगाया है कि कुछ दबंगों ने महिला का अपहरण कर लिया और छह दिनों तक बलात्कार करने के बाद मारपीट की. इसके बाद उन्होंने उस मरा समझकर तालाब किनारे फेंक दिया. घर वालों ने गुमशुदगीका मामला दर्ज कराया था मगर पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. छह दिनों बाद जब एक तालाब किनारे महिला बरामद हुई तो उसके शरीर में कीड़े पड़ गए थे और वह गंभीर अवस्था में थी.

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बलात्कार के बाद इलाज के दौरान हुई मौत

महिला को वहां से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां पर उसकी मौत हो गई है. परिजनों के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हो गई है, मगर पुलिस राजनीतिक दबाव की वजह से आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल और BJP के पूर्व मंत्री यूनुस खान ने इस मामले में कांग्रेस के नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच CBI से कराने की मांग की है.

कांग्रेस नेता के शामिल होने का आरोप 

जयपुर में धरने पर बैठे BJP के सांसद डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर पूरी जांच तक सब संदेह के घेरे में है. मीणा ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस के नेता शामिल हैं. आरोप है कि दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ भी लिया था मगर राजनीतिक दबाव की वजह से उन्हें छोड़ दिया गया.

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मुआवजा लेने से परिवार का इनकार

बेटी के पिता ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी हो सकता है कि किसी रैकेट चलाने वाले गिरोह के चंगुल में फंस गई थी जिन्होंने उसके साथ गलत काम कर उसे मरा समझकर फेंक दिया हो. बेटी के पिता ने सरकार से इंसाफ की मांग की है. हालांकि सरकार से मुआवजे की पेशकश की गई है. मगर घर वालों ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए मुआवजा लेने से इंकार कर दिया है. बता दें कि 2 फरवरी को यह महिला अपने घर से लापता हुई थी और आठ फरवरी को पुलिस ने उसका शव बरामद किया था. इस मामले में लापरवाही बरतने पर थानाधिकारी नरेंद्र जाखड़ और जांच अधिकारी प्रहलाद सिंह को सस्पेंड किया गया है.

 

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