
यूपी एटीएस ने जिन दो आरोपियों जहांगीर कासमी और उमर गौतम को धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया है इनका पूरा नेटवर्क दिल्ली एनसीआर में फैला हुआ है. दिल्ली के जामिया नगर इलाके में जहांगीर और उमर गौतम के फ्लैट हैं जबकि जामिया नगर में ही इस्लामिक दावा सेंटर यानी आईडीसी नाम से इन्होंने अपना दफ्तर भी बना रखा था.
मोहम्मद उमर गौतम के पते K-47 बाटला हाउस पहुंचने पर पता चला कि यहां वह परिवार समेत रहता है. उमर गौतम बाटला हाउस में पिछले कई साल से रह रहा है और इलाके के लोगों का कहना है कि वह अक्सर धार्मिक कार्य में जुटा रहता था. इलाके के लोगों से उसकी मुलाकात ज्यादातर मस्जिद या धार्मिक कार्य के दौरान हुआ करती थी.
मोहम्मद उमर गौतम पुत्र धनराज सिंह गौतम, पता K-47, बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली स्वयं हिन्दू से मुस्लिम में कनवर्टेड है. ये शख्स उत्तर प्रदेश के अन्य राज्यों के विभिन्न गैर मुस्लिम मूकबधिर, महिलाओ बच्चो एवं अन्य कमजोर वर्ग के लोगों का वृहद स्तर पर सामूहिक धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कर रहा हैं. उसने बताया कि उसने अभी तक लगभग एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया है तथा बड़ी संख्या में उनकी मुस्लिमों से शादी करायी है.
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उमर एवं उसके सहयोगियों द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए IDC (Islamic Dawah Centre) कार्यालय, पता सी-2, जोगाबाई एक्सटेंशन, जामिया नगर, नई दिल्ली, नाम की संस्था का संचालन किया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य गैर-मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराना है. इस काम के लिए इसकी संस्था के बैंक खातों में तथा अन्य माध्यमों से भी भारी मात्रा में पैसे उपलब्ध कराये जाते हैं. उसे विदेश से भी फंडिंग मिलती है.
उमर के बहुत सारे सहयोगी है जिनमें से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर, निवासी म.न.-23/1, फोर्थ फ्लोर विलेज जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली, जो धर्मान्तरण के इस आपराधिक षडयंत्र में सहयोगी है. उसके द्वारा धर्मान्तरण प्रमाण पत्र एव विवाह प्रमाण पत्र विधि विरूद्ध ढंग से तैयार कर निर्गत किये जाते हैं.
यूपी एटीएस ने जहांगीर कासमी के मकान नंबर 23 बटा 1 से उसको गिरफ्तार किया इस मकान में जहांगीर कासमी का परिवार रहता है. गिरफ्तारी के बाद परिवार के किसी भी सदस्य ने मीडिया से कोई भी बातचीत नहीं की. यूपी एटीएस को इस्लामिक दवा सेंटर के दफ्तर से जहांगीर कासमी और उम्र गौतम की फंडिंग से जुड़े अहम दस्तावेज हासिल हुए हैं. यूपी एटीएस ने इस दफ्तर से बैंक के तमाम अकाउंट भी बरामद किए हैं.