Advertisement

पंजाब-राजस्थान की नहरों में मिले सैंकड़ों रेमडेसिविर का मामला सुलझा, डेढ़ महीने बाद आरोपी अरेस्ट

पंजाब और राजस्थान की नहरों में तैरते सैकड़ों रेमडेसिवर वायल की गुत्थी सुलझ गई है. राजस्थान पुलिस ने कोरोना के समय नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन बनाकर बेचने वाले मास्टर माइंड मयंक गर्ग को अरेस्ट कर लिया है.

आरोपी व्यक्ति के साथ जयपुर पुलिस आरोपी व्यक्ति के साथ जयपुर पुलिस
शरत कुमार
  • जयपुर ,
  • 09 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST
  • पुलिस से बचने के लिए नकली रेमडेसिविर नहर में बहाए
  • रेमडेसिविर बेचने के लिए गिरोह कर रहा था काम
  • जयपुर के अलावा बाकी राज्यों में भी करते थे सप्लाई

पंजाब और राजस्थान की नहरों में बहते सैकड़ों रेमडेसिवर शीशी की गुत्थी सुलझ गई है. राजस्थान पुलिस ने कोरोना के समय नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन बनाकर बेचने वाले मास्टर माइंड मयंक गर्ग को अरेस्ट कर लिया है. पुलिस से बचने के लिए इसी मयंक गर्ग ने रेमडेसिवर की सैंकड़ों वायल नहर में फेंक दीं थीं. जिसके सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मच गया था.

Advertisement

जयपुर पुलिस ने नकली रेमडेसिवर बनाने वाले इस ठग को हिमाचल प्रदेश के मनाली से अरेस्ट किया है. मिली जानकारी के अनुसार आरोपी मयंक गर्ग जयपुर समेत देश के दूसरे शहरों में नकली इंजेक्शन बनाता है, मयंक ने अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के जरिये नकली रेमडेसिवर सप्लाई करने की बात कबूली है.

कानपुर के हैलट अस्पताल में फर्जीवाड़ा! मुर्दों के नाम पर जारी किए रेमडेसिविर इंजेक्शन, CM योगी ने लिया संज्ञान

आरोपी मास्टरमाइंड दिल्ली और चंडीगढ़ में मेडिकल फर्म खोलकर व्यवसाय कर रहा था. लग्ज़री लाइफ जीने के शौकीन आरोपी ने मोटा मुनाफा कमाने के लिए नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग शुरू की थी. और जब इस गिरोह के कुछ लोग पकड़े गए तो गिरफ्तारी के डर से इसने उन वायल्स को नहर में फेंक दिया था.

जयपुर पुलिस ने भी स्टिंग ऑपरेशन कर ब्लैक में रेमडेसिवर इंजेक्शन बेचते हुए लोगों को जयपुर में अरेस्ट किया था. मगर जांच में पता चला कि इंजेक्शन ही नकली हैं. इसके बाद पुलिस ने और अधिक धरपकड़ की.

Advertisement

आरोपी मयंक गर्ग की तलाश में राजस्थान पुलिस, पंजाब और हरियाणा में कई दिनों से लगी हुई थी.आरोपी मनाली में लगातार होटल बदल रहा था. जिसकी वजह से इसकी गिरफ़्तारी नहीं हो पा रही थी. पुलिस ने करीब आधा दर्जन दवा डिस्ट्रीब्यूटरों की गिरफ्तारी की थी तब जाकर इसके बारे में पता चल पाया था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement