
सागर धनखड़ मर्डर केस में गिरफ्तार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम हरिद्वार जा रही है. सबूतों की तलाश में सुशील कुमार को हरिद्वार ले जाया जा रहा है. सुशील कुमार ने अपना मोबाइल फोन हरिद्वार में ठिकाने लगाया था. बताया जा रहा है कि सागर की मौत के बाद सुशील कुमार दिल्ली से भागकर सीधा हरिद्वार पहुंचा था
क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि सुशील कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. वारदात वाली रात सुशील कुमार ने जो कपड़े पहने थे वो अब तक बरामद नहीं हुए हैं. साथ ही सुशील कुमार का मोबाइल फोन भी बरामद नहीं हुआ है. पूछताछ में बार-बार सुशील कह रहा है कि सागर को जान से मारने का इरादा नहीं था, सिर्फ सागर को पीटने के लिए लड़के बुलाए थे.
सुशील कुमार पूछताछ में बता रहा है कि सागर छत्रसाल स्टेडियम के लड़कों को बर्बाद कर रहा था, इसलिए गुस्सा बढ़ा था. हालांकि हकीकत ये है कि छत्रसाल स्टेडियम में सुशील का दबदबा था, जिसे सागर चैलेंज कर रहा था. खैर पुलिस को अब तक सागर की हत्या का असल मोटिव नहीं मिला है, लेकिन जांच के दौरान एक चौकाने वाली बात सामने आई है.
मार्च में दिल्ली के गैंगस्टर काला जठेड़ी के रिश्तेदार सोनू माहल ने फ्लैट पर पार्टी रखी थी. पार्टी में सोनू ने महिला मित्र को भी बुलाया था. फ्लैट को पूरी तरह सजाया गया था. उसी दौरान उस फ्लैट में अजय पहुंच गया था. उस वक्त सोनू और सागर फ्लैट पर नहीं थे. फ्लैट पर सोनू की महिला मित्र और रसोइया मौजूद थे. अजय ने सोनू की महिला मित्र को बहुत बुरा बोला था.
अजय के जाने के बाद सोनू और सागर आए. घटना की जानकारी जब लड़की ने बताई तब सोनू ने फोन कर अजय और सुशील को गालियां दीं. बाद में एक कोच ने मामले में सुलह करवाकर फ्लैट खाली करवा दिया था. इसी के बात से दोनों गुटों में विवाद पैदा हो गया था. धीरे-धीरे यह विवाद काफी बढ़ गया और नौबत मारपीट और हत्या तक आ गई.
सुशील पर मकोका लगाने की तैयारी
इस बीच खबर है कि दिल्ली पुलिस सुशील कुमार पर मकोका के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है. मकोका की कार्रवाई संगठित अपराध करने वालों पर होती है. मकोका कानून इतना सख्त है कि इसके लगने के बाद सुशील कुमार को आसानी से जमानत नहीं मिल सकेगी. मकोका के बाद उम्रकैद तक की सज़ा का प्रावधान है.