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हिंदुस्तान में घुसपैठ, मुंबई में सैफ पर हमला... देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक बनते बांग्लादेशी!

Saif Ali Khan Attack Case: बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हमले का आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद पुलिस रिमांड में है. उससे लगातार पूछताछ चल रही है. पुलिस दावा कर रही है कि सैफ पर हमले का केस सुलझा लिया गया है.

पुलिस की गिरफ्तार में सैफ अली खान का हमलावर. (File Photo) पुलिस की गिरफ्तार में सैफ अली खान का हमलावर. (File Photo)
आजतक ब्यूरो
  • मुंबई,
  • 21 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST

बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हमले का आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद पुलिस रिमांड में है. उससे लगातार पूछताछ चल रही है. पुलिस दावा कर रही है कि सैफ पर हमले का केस सुलझा लिया गया है. आरोपी के सैफ के घर में घुसने से लेकर उन पर हमले तक की पूरी थ्योरी बता रही है कि वारदात की सभी कड़ियां जोड़ने की चुनौती बनी हुई है. आरोपी से पूछताछ के जरिए पुलिस पूरी पड़ताल कर रही है.

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पुलिस जानना चाहती है कि आखिर वारदात कैसे हुआ? 16 जनवरी की रात क्या-क्या हुआ? वारदात को अंजाम देकर आरोपी कैसे सैफ के घर से फरार हो गया? मुंबई पुलिस आरोपी को सैफ अली खान के घर ले जाकर क्राइम सीन रिक्रिएट करवा सकती है. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वो एक बांग्लादेशी घुसपैठिया है. हमारे देश में अवैध घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. ये देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक है.

सैफ अली खान के हमलावर का नाम पहले विजय दास बताया जा रहा था, लेकिन ये एक फर्जी नाम था. उसका असली नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद है. वो एक बांग्लादेशी घुसपैठिया है, जो पिछले 6 महीने से मुंबई में साफ-सफाई का काम कर रहा था. उसके हमलावर के पास कोई भी भारतीय पहचान पत्र नहीं था. उसने कोलकाता में जहांगीर शेख के नाम पर एक सिम कार्ड लिया था. इसका ये इस्तेमाल कर रहा था. 

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किसी भी राज्य की पुलिस के लिए इस तरह के अपराधी को ट्रैक करना बहुत मुश्किल होता है. सोचिए यदि शहजाद बांग्लादेश भाग गया होता, तो उसे पकड़ना लगभग नामुमकिन हो जाता. इसीलिए सैफ अली खान पर हुआ हमला, कोई मामूली वारदात नहीं है. यदि एक घुसपैठिया, सैफ के घर में घुसकर हमला कर सकता है, तो हमारे और आपके घरों पर भी हमला हो सकता है. अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ, हमारे देश के लिए एक बड़ा खतरा है.

ये अवैध घुसपैठिए बड़ी ही आसानी से सीमा पार करके भारत चले आते हैं. फिर फर्जी पहचान पत्र बनवाकर, फर्जी नामों से रहने लगते हैं. वो कोई भी हो सकते हैं, वो आपकी मेड हो सकती है, आपका ड्राइवर हो सकता है या फिर आपका माली हो सकता है. सैफ के हमलावर ने तो अपना नाम शहज़ाद से विजय दास कर लिया था. ना जाने कितने ही अवैध बांग्लादेशियों ने हिंदू नामों से पहचान पत्र बनवाए होंगे. दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में बसे होंगे.

अब सवाल ये है कि क्या भारत में घुसपैठ बहुत आसान है. कोई भी विदेशी जब भारत आता है तो उसको वीज़ा लेना होता है. आप भी जब किसी देश में जाते होंगे, तो वीज़ा प्रक्रिया का पालन करते होंगे. लेकिन ये अवैध बांग्लादेशी बिना किसी वीज़ा के भारत में आ जाते हैं. हमारे पड़ोसी पाकिस्तान से अगर कोई बिना वीजा के घुसपैठ करता है, तो उन्हें आतंकी कहा जाता है.  तो क्या बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ करने वालों को रोकना, पाकिस्तानी आतंकियों को रोकने से ज्यादा मुश्किल है. इसको समझने के लिए हमें बांग्लादेश से लगती सीमाओं से जुड़ी चुनौतियों को समझना होगा.

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हमारे देश के पांच राज्य पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम की सीमाएं बांग्लादेश से जुड़ी हुई हैं. भारत और बांग्लादेश की सीमा करीब 4 हजार 97 किलोमीटर लंबी है. बांग्लादेश, भारत के साथ सबसे लंबी सीमा साझा करता है. हम पाकिस्तानी घुसपैठ का जवाब गोलियों से देते हैं, लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठ पर ऐसा एक्शन नहीं लेते हैं. इसकी एक वजह है भारत-बांग्लादेश के संबंध और व्यापार. इसके अलावा सीमा का कई हिस्सा खुला है. 

गृहमंत्रालय के अनुसार बांग्लादेश से लगती 3 हजार 141 किलोमीटर सीमा पर कंटीले तार लगाए गए हैं. यानी 77 प्रतिशत सीमा पर ही फेंसिंग की हुई है. इसमें भी पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है, जहां करीब 82 प्रतिशत सीमा पर फेंसिंग का काम हो चुका है. भारत-बांग्लादेश के बीच करीब 950 किलोमीटर की सीमा अभी पूरी तरह से खुली है. इसमें 900 किलोमीटर की सीमा नदियों से जुड़ी हैं. ऐसी जगह पर फेंसिंग का काम बहुत मुश्किल है.

यह भी पढ़ें: बंद कमरे से कैसे भागा चोर... जानिए सैफ अली खान पर हुए हमले के आखिरी 55 मिनट की कहानी!

बांग्लादेश की सीमा पर पूरी तरह से फेंसिंग करना भारत के लिए बड़ी चुनौती है. बांग्लादेश के साथ जिन इलाकों में सीमा विवाद है, वहां फेंसिंग नहीं हो पाती है और सीमा पर बसे गांववाले भी फेंसिंग का विरोध करते हैं. घुसपैठ की बात जहां तक है तो कुछ मैदानी क्षेत्र, जंगल और नदियां, तीनों ही रास्ते घुसपैठ होती है. भारत के तीन राज्य पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा के रास्ते सबसे ज्यादा बांग्लादेश घुसपैठ होती है.

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इसमें असम में दक्षिण सलमारा, करीमगंज और धुबरी, त्रिपुरा में त्रिपुरा पश्चिम और धलाई, इसके अलावा पश्चिम बंगाल में मालदा, मुर्शिदाबाद और नॉर्थ 24 परगना से लगती सीमाओं के रास्ते ज्यादा घुसपैठ होती है. सुरक्षाबलों के लिए खुली सीमाओं से घुसपैठ रोकना नामुमकिन हो जाता है. फेंसिंग भी कारगर साबित नहीं हो पाती है. सैफ अली खान पर हमला करने वाला शहजाद भी इन्हीं रास्तों से भारत में घुसा होगा.

केवल शहजाद ही नहीं, उसके जैसे सैकड़ों बांग्लादेशी घुसपैठिए, इन्हीं रास्तों से आ रहे हैं. पिछले कई वर्षों से भारत में बसे हैं. हाल ही में दिल्ली से पकड़े कुछ बांग्लादेशी घुसपैठियों ने बताया था कि एक खास गिरोह इस काम में लगा हुआ है. ये गिरोह घुसपैठियों के लिए फर्जी पहचान पत्र भी तैयार करवाता है. ज्यादातर घुसपैठिए खुद को पश्चिम बंगाल और असम का निवासी बताते हैं. उनके पास फर्जी पहचान पत्र भी वहीं के पाए जाते हैं.

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