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Sambhal Violence: मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली को जेल में जान का खतरा, परिजनों ने लगाए ये आरोप

उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले साल भड़की हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए शाही जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष जफर अली को जेल में जान का खतरा है. उनके परिजनों आरोप लगाया है कि जेल अधिकारी उन्हें उनसे मिलने नहीं दे रहे हैं.

मस्जिद प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष जफर अली को जेल में जान का खतरा. मस्जिद प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष जफर अली को जेल में जान का खतरा.
aajtak.in
  • संभल,
  • 25 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले साल भड़की हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए शाही जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष जफर अली को जेल में जान का खतरा है. उनके परिजनों आरोप लगाया है कि जेल अधिकारी उन्हें उनसे मिलने नहीं दे रहे हैं. संभल के कोट गर्वी इलाके में शाही जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर किए गए सर्वे के दौरान पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में जफर अली को रविवार को गिरफ्तार किया गया था.

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मंगलवार को जफर अली के बड़े भाई मोहम्मद ताहिर अली ने दावा किया कि परिजनों को जेल में उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई है. उन्होंने कहा, "उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे कि वह एक खूंखार अपराधी हों. जेल के अंदर जफर की जान को खतरा है. वो 70 साल के हैं. उन्हें दवाइयां भी नहीं मिल पा रही हैं. पुलिस बदसलूकी कर रही है. प्रशासन ने सारी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने प्रशासन का पूरा सहयोग किया, फिर भी सजा दी जा रही है."

मोहम्मद ताहिर अली ने कहा कि उनको अदालत पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि न्याय मिलेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जफर अली को सोमवार को घटना की जांच कर रहे आयोग के सामने पेश होना था, लेकिन उन्हें साजिश के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जफर अली ने पुलिस पर हिंसा के लिए आरोप लगाया था. उन्होंने सीओ अनुज चौधरी और सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट वंदना मिश्रा को इसके लिए जिम्मेदार बताया था.

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बताते चलें कि जामा मस्जिद के सर्वे के बारे में जफर अली को सबसे पहले जानकारी दी गई थी. उनकी जानकारी के बाद ही सर्वे से पहले लोगों की भीड़ जुट गई थी. इसके बाद हिंसा हुई. पुलिस ने कहा कि संभल हिंसा के मामले में दर्ज किए गए मुकदमा नंबर 324/35 में जफर अली की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 191, 191(3), 221, 132, 324, 296 के तहत केस दर्ज किया है. 

शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब एक याचिका में दावा किया गया कि यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर का स्थल है. इस विवाद के बीच 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे. संभल में 24 नवंबर की हिंसा के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, यह हिंसा उस समय भड़की थी जब अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था. 

पुलिस इस मामले में लगातार जांच कर रही है और संबंधित लोगों से पूछताछ कर रही है. हाल ही में संभल की शाही जामा मस्जिद में रंगाई पुताई का काम किया गया है. ये काम इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर इस सप्ताह की शुरुआत में शुरू किया गया था. मस्जिद कमेटी के सचिव मसूद फारूकी ने बताया कि सफेदी का काम समाप्त हो गया है और लाइटिंग का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. इस काम के लिए समय सीमा दी थी.

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