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Sambhal Violence: न्यायिक जांच समिति ने दर्ज किए चश्मदीदों के बयान, पूछे गए ये सवाल

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच कर रही तीन सदस्यीय न्यायिक समिति ने शनिवार को चश्मदीदों के बयान दर्ज किए हैं. इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा भी पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पैनल के सामने पेश हुए.

हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा भी पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पैनल के सामने पेश हुए. हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा भी पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पैनल के सामने पेश हुए.
aajtak.in
  • संभल,
  • 01 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच कर रही तीन सदस्यीय न्यायिक समिति ने शनिवार को चश्मदीदों के बयान दर्ज किए हैं. इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा भी पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पैनल के सामने पेश हुए. उन्होंने कहा कि आयोग ने उनसे चश्मदीद के तौर पर घटना के संबंध में लिखित हलफनामा मांगा था.

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हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने कहा, "मैंने न्यायिक जांच समिति के सामने अपना पक्ष पेश किया है. समिति ने मुझसे कई सवाल पूछे हैं. मैंने उन सभी के उत्तर दिए हैं. उन्होंने पूछा कि हिंसा के दौरान वहां कौन-कौन लोग मौजूद थे, दंगा पहले से योजनाबद्ध था या नहीं, वहां लोग जबरन क्यों घुसे और फोटोग्राफी कैसे की गई? मैंने इन सभी के उचित उत्तर दे दिए है." 

19 नवंबर, 2024 से ही संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, जब शाही जामा मस्जिद का न्यायालय के आदेश पर सर्वे किया गया था. 24 नवंबर, 2024 को सर्वे के दूसरे दौर के दौरान विरोध कर रहे स्थानीय लोगों की सुरक्षा कर्मियों से झड़प हो गई. इसके कारण चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. इसके बाद जांच के लिए समिति का गठन किया गया.

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इस समिति में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा, पूर्व पुलिस प्रमुख अरविंद कुमार जैन और उत्तर प्रदेश के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद शामिल हैं. इस समिति ने 1 दिसंबर, 2024 और 21 और 30 जनवरी, 2025 को संभल का दौरा किया. शुक्रवार को चौथे दौरे के दौरान वकील विष्णु शंकर जैन ने समिति के सामने अपना बयान दर्ज कराया.

बताते चलें कि पिछले हफ्ते संभल हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने करीब 3000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे किए गए. पुलिस का कहना है कि इस हिंसा में दुबई में बैठे एक गैंगस्टर शारिक साठा का हाथ है. उसको संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क का संरक्षण प्राप्त है. उसने ही कॉल करके लोगों को भड़काकर सर्वे को रोकने के लिए कहा था. 

संभल के एसपी केके बिश्नोई ने खुलासा किया कि इस दौरान हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या का साजिश भी रची गई थी. पुलिस ने हिंसा के इस मामले में गिरफ्तार 79 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. उनके खिलाफ बलवा, आगजनी और गोलीबारी का आरोप लगाते हुए भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किए जाने की बात कही गई है. 

एसपी ने बताया कि शारिक साठा गैंग से जुड़े मो. गुलाम ने साल 2014 में सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर गोली चलाई थी. उसको ही वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की जिम्मेदारी दी गई थी. संभल पुलिस की एसआईटी ने 24 नवंबर की हिंसा के दौरान उपद्रवियों को हथियारों के सप्लायर मोहम्मद गुलाम को गिरफ्तार किया था. वो शारिक साठा गैंग से जुड़ा है.

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