
सुर्खियों में रहे संदेशखाली केस में लंबे समय बाद गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी शाहजहां शेख की अग्रिम जमानत अर्जी कोलकाता हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट का कहना है कि उसे ईडी की भूमिका में कोई खामी नहीं दिखती है. इस केस में मिले दस्तावेजों के आधार पर फिलहाल सीबीआई जांच कर रही है. शाहजहां की ओर से उसके वकील सब्यसाची बनर्जी ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि उसके मुवक्कील किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
कोलकाता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ शाहजहां शेख की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही है. उनके समक्ष वकील सब्यसाची बनर्जी का कहना था कि राशन घोटाले में 12 दिसंबर 2023 को शिकायत दर्ज की गई थी. इसमें शाहजहां शेख सीधे तौर पर प्राथमिक अभियुक्त नहीं है. 5 जनवरी को उसके घर पर छापा मारा गया था. इसके बाद में 23 और 24 जनवरी को दोबारा छापेमारी की गई थी.
इस दौरान ईडी की छापेमारी में कुछ नहीं मिला था. इसके बाद एक नोटिस जारी करके शाहजहां शेख या उसके किसी प्रतिनिधि को हाजिर होने के लिए कहा गया. उस वक्त शेख ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी. वकील का यह भी आरोप है कि शाहजहां को केवल एक गिरफ्तार आरोपी पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक के बयान के आधार पर समन किया गया था. मल्लिक ने अपने पत्र में भी उसके नाम का उल्लेख किया था.
ईडी के अधिकारी जिस दिन संदेशखाली स्थित शेख के घर गए थे, फोन करके सहयोग करने के लिए कहा था. लेकिन उसने बाद में फोन नहीं उठाया. इसके बाद संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमला किया गया. लेकिन कई दिनों तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई. ईडी का कहना है कि उसे कई बार समन भेजा गया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया. ईडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि शाहजहां शेख के खिलाफ अभी जांच चल रही है.
यह भी पढ़ें: घर से जबरन ले जाकर महिलाओं से रेप, जमीनों पर कब्जा... जानिए कौन है संदेशखाली का असली कसूरवार?
बताते चलें कि शाहजहां शेख की पहचान टीएमसी के एक ताकतवर और प्रभावशाली नेता के तौर पर है. वो संदेशखाली यूनिट का टीएमसी अध्यक्ष भी रह चुका है. पहली बार शाहजहां शेख उस समय चर्चा में आया, जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां से बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंची थी, उस समय उसके गुर्गों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था. इसके बाद से ईडी ने उसे लगातार समन जारी किया था.
ईडी की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया.
इसके बाद ममता सरकार पर दबाव बनाया गया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए. हालांकि बंगाल पुलिस ने इसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहजहां शेख पर हाथ डालने से पुलिस डर रही थी. कोलकाता हाई कोर्ट ने जब शाहजहां की गिरफ्तारी का आदेश दिया तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए देर रात गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन उसे सीबीआई को नहीं सौंपा गया. हालांकि, बाद में सीबीआई को कस्टडी दे दी गई.