
वेस्ट बंगाल के संदेशखाली में आतंक मचाने वाले गैंग के मास्टरमाइंड टीएमसी नेता शाहजहां शेख की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उस पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. ईडी ने उसे एक और समन भेजा है. उसे 29 फरवरी को पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा गया है. लेकिन वो तो लंबे समय से फरार है. लगातार पेशी से बच रहा है. उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी हो चुका है. उसके साथ उसके कुनबे के गुनाहों की लिस्ट भी बहुत लंबी है. उसके भाई सिराज पर भी गंभीर आरोप लगे हैं. बताया जा रहा है कि पेशे से डॉक्टर सिराज ने अपने भाई की दबंगई के दम पर कई लोगों की जमीन हड़पता था.
संदेशखाली में जो भी वारदातें सामने आई हैं, उससे किसी का सिर शर्म से झुक जाए. जबरन जमीन हड़पने के जो मामले सामने आए हैं, वो हैरान करने वाले हैं. कानून के डंडे से बेखौफ गुनहगार महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ करते रहे. उनके पतियों को टॉर्चर करते रहे. जमीन हड़पते रहे. वारदात एक के बाद एक होते गए. लिस्ट लंबी होती गई. लेकिन ममता सरकार के कानों के नीचे जू तक नहीं रेंगा. वजह साफ है कि इन सभी वारदातों का मास्टरमाइंड टीएमसी नेता है. इन तमाम आरोपों को लेकर बीजेपी ममता सरकार पर आक्रामक है. पार्टी नेता कह रहे हैं कि बंगाल में वैसे ही हो रहा है, जैसे गाजा में हमास करता है.
टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके गैंग के गुनाहों का सच जानने के लिए कई टीमें संदेशखाली का दौरा कर चुकी हैं. राज्यपाल सीवी आनंद बोस वहां दौरा कर राज्य सरकार को घेर चुके हैं. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भी जा चुका है. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भी दौरा कर चुका है. मानवाधिकार आयोग की टीम ने भी संदेशखाली जाकर पीड़ितों से मुलाकात की है. हालात की गंभीरता के बीच बंगाल पुलिस ने भी संदेशखाली में कैंप लगा दिए हैं. सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. धारा 144 लगाई गई है. राज्य सरकार ने वहां की सुरक्षा में इजाफा किया है. पीड़ितों से मुलाकात करके उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा है.
इसके बावजूद पीड़ितों में नाराजगी कम नहीं हो रही है. शाहजहां शेख के गुनाहों से गुस्सा ऐसा है कि आए दिन वहां अब उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं. पीड़ित नाराजगी जता रहे हैं. इसके साथ ही इंसाफ मांग रहे हैं. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भी शाहजहां शेख का पता नहीं. उसकी गिरफ्तारी की मांग तेज होती जा रही है. पीड़ित अब खुलकर सामने आ रही हैं. पीड़ितों का कहना है कि शाहजहां को फांसी दे दो. महिलाओं का कहना है कि यदि शेख गिरफ्तार भी हुआ और जेल से छूट गया तो हमें नहीं छोड़ेगा. हम लोगों को छीन कर खा लेगा. हम नहीं रह पाएंगे. लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आवेदन कर रहे हैं कि उसे पकड़कर फांसी पर लटका देना चाहिए.
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बीजेपी भी लगातार मांग कर रही है कि मास्टरमाइंड शाहजहां शेख को फांसी की सजा दी जानी चाहिए. संदेशखाली में शाहजहां शेख का खौफ ऐसा था कि कोई उसके खिलाफ जुबां खोलने की हिम्मत तक नहीं कर रहा था. अब तमाम आयोगों के दौरे के बाद उनकी हिम्मत बढ़ी है. शाहजहां शेख के गुनाहों का कच्चा-चिट्ठा सामने आता जा रहा है. संगीन आरोपों के बाद टीएमसी बैकफुट पर है. लिहाजा ममता के दो-दो मंत्री संदेशखाली दौरे पर हैं. सवाल उठ रहा है कि टीएमसी ने पीड़ितों तक पहुंचने में इतनी देर क्यों लगा दी. वेस्ट बंगाल की सियासत का रूख अभी पूरी तरह से संदेशखाली पर है. तूल पकड़ने के बाद अब ममता के मंत्री भी मोर्चा संभाल रखे हैं.
इन सबके बीच सबसे ब़ड़ा सवाल यह है कि आखिर किधर है ये भगोड़ा शाहजहां शेख. कहां छिपा बैठा है. इन सवालों के जवाब में ममता के मंत्री ईडी को टारगेट कर रहे हैं. वेस्ट बंगाल के सिंचाई मंत्री पार्था भौमिक ने कहा कि शाहजहां शेख ईडी का मामला है. राज्य पुलिस की नाकामी नहीं है. ममता के मंत्री लगातार दौरा कर रहे हैं. सरकार की ओर से कोशिश है कि किसी तरह से संदेशखाली के विवाद को खत्म किया जाए. अब पुलिस पीड़ितों तक पहुंच रही है. शिकायतें दर्ज कर रही है. मंत्री भी फरियाद सुन रहे हैं. लोगों को भरोसा दे रहे हैं कि उन्हें इंसाफ मिलेगा. टीएमसी की कोशिश है कि जमीन हड़पने के मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए.
इसके साथ ही सियासत भी जबरदस्त जारी है. ममता सरकार पर बीजेपी के नेता ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं. संदेशखाली की लड़ाई अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है. संदेशखाली में ममता की पुलिस से टकराने वाले बीजेपी के दो दिग्गज शुभेंदु अधिकारी और सुकांता मजूमदार ने जेएनयू के कार्यक्रम में ममता बनर्जी और उनके प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए. इसके साथ ही आरोप लगाए हैं कि मुख्यमंत्री कैसे संदेशखाली के मास्टरमाइंड शाहजहां शेख को बचा रही हैं. सुकांता मजूमदार कहते हैं, ''पहले दिन से इनकार कर रहे हैं. कह रहे हैं कि संदेशखाली में कुछ नहीं हुआ है. अब शाहजहां शेख को टीएमसी बचा रही है. क्योंकि वो वोट मशीनरी चलाता है.