
संजय जीवा महेश्वरी की लखनऊ कोर्ट में हुई हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि उसने लखनऊ जेल में बंद आतिफ नामक कैदी की दाढ़ी नोच ली थी. इसी आतिफ के भाई अशरफ ने विजय यादव को संजीव जीवा की हत्या की सुपारी 20 लाख रुपये में दी थी. अशरफ और विजय नेपाल में मिले थे. अशरफ ने कहा तुम मेरे लिए काम करो मैं 20 लाख रुपये दूंगा.
लखनऊ जेल में बंद आतिफ हल्की दाढ़ी रखता है. किसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया था. इस पर संजीव ने उसकी दाढ़ी नोच ली थी. लिहाजा, संजीव को सबक सिखाने के लिए उसकी हत्या की साजिश रची गई थी. जब आरोपी विजय यादव यूपी पहुंचा, तो उसे एक अनजान व्यक्ति ने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बहराइच में मैग्नम रिवॉल्वर दी थी.
नेपाल कनेक्शन हुआ साबित
संजीव जीवा हत्याकांड मामले में शूटर का नेपाल कनेक्शन साबित हो गया है. वह कुछ दिन पहले ही नेपाल गया था, जहां वह नेपाल के बड़े माफिया के संपर्क में था. नेपाल से ही विजय यादव को सुपारी मिलने का शक जताया जा रहा था, जो अब उसके कुबूलनामे के बाद साबित हो गया है.
विजय यादव का मोबाइल पुलिस के कब्जे में है, जिसका डाटा रिट्रीव करने की कोशिश की जा रही है. फोरेंसिक जांच के लिए भी उसका मोबाइल भेजा गया है. पुलिस का कहना है कि विजय के मोबाइल से मर्डर के राज खुल सकते हैं.
वकील की ड्रेस में पहुंचा था हत्या का आरोपी
बताते चलें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया और मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा माहेश्वरी की 7 जून को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस वारदात को हमलावर विजय यादव ने कोर्ट परिसर में अंजाम दिया. इसके लिए वह बाकायदा वकील की ड्रेस पहनकर पहुंचा था.
इस दौरान संजीव महेश्वरी जीवा की एससी-एसटी कोर्ट में पेशी होनी थी. उसकी सुनवाई का समय साढ़े तीन बजे के बाद का था. इसी दौरान जब जीवा सुनवाई के लिए कोर्ट रूम में जा रहा था, तभी विजय पीछे से आया और संजीव जीवा पर ताबड़तोड़ गोलियां दागनी शुरू कर दीं.
इस हमले में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. साथ ही एक महिला भी अपने पति और बच्चे के साथ वहां मौजूद थी. उसकी गोद में ली हुई डेढ़ साल की बच्ची को भी गोली लगी थी, जबकि महिला के अंगूठे में गोली लगी थी. वारदात के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था.
कंपाउंडर की नौकरी करता था, फिर बना किडनैपिंग किंग
मूलरूप से वेस्टर्न यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला गैंगस्टर संजीव जीवा (Sanjeev Jeeva Murder) कभी कंपाउंडर हुआ था. संजीव जिस दवाखाने में कंपाउंडर था, उसी के मालिक का फिरौती के लिए अपहरण करने के बाद उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा था.
90 के दशक में संजीव जीवा ने कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का अपहरण कर लिया था. उस समय उसने 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी, जिसे उस समय मांगी गई सबसे बड़ी फिरौती में से एक कहा गया था. इसके बाद वो अपनी गैंग को तेजी से बढ़ाने लगा था. इस अपहरण के बाद संजीव जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग से जुड़ा था. इसके बाद सतेंद्र बरनाला गैंग में शामिल हो गया था.
फिर बना मुख्तार का करीबी, ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के बाद हुआ कुख्यात
किडनैपिंग किंग बनने के बाद वह माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का खास बन गया. संजीव जीवा का नाम उस समय सबसे ज्यादा यूपी में चर्चा में आया था, जब उसने एक इशारे पर बीजेपी के बड़े नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद संजीव जीवा की गिरफ्तारी हुई. उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
आधुनिक हथियारों का शौकीन संजीव जीवा ने हथियारों की सप्लाई भी शुरू कर दी थी. इसी की बदौलत उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ था. मुख्तार को ऐसे हथियारों का शौक था. फिर दोनों में दोस्ती हो गई थी.
पत्नी पायल को राजनीति में करना चाहता था स्थापित
साल 2021 में संजीव जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लेटर लिखकर आशंका जताई थी कि उसके पति की जान को खतरा है. पायल 2017 में RLD के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ी थी, जिसमें वो हार गई थी. संजीव अपनी पत्नी को राजनीति में स्थापित करने की कोशिश में जुटा हुआ था.