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सरपंच मर्डर केस: सभी 8 आरोपियों पर लगा मकोका, एक फरार आरोपी की तलाश जारी

महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में शामिल सभी आठ आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया गया है. इस हत्याकांड में शामिल सात आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन एक आरोपी की अभी भी तलाश की जा रही है.

महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या हुई थी. महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या हुई थी.
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 11 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST

महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में शामिल सभी आठ आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया गया है. इस हत्याकांड में शामिल सात आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन एक आरोपी की अभी भी तलाश की जा रही है.  

पुलिस के अनुसार, बीड के मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख का 9 दिसंबर को अपहरण कर लिया गया था. उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी. वे वहां एक पवनचक्की परियोजना का संचालन कर रही ऊर्जा कंपनी पर जबरन वसूली को रोकने की कोशिश कर रहे थे.

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पुलिस ने हत्या और जबरन वसूली का केस दर्ज किया था. इसके बाद मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी गई. मकोका की धारा 3(1) सुदर्शन घुले, प्रतीक घुले, सुधीर सांगले, कृष्णा अंधाले, विष्णु चाटे, सिद्धार्थ सोनावणे, महेश केदार और जयराम चंगे के खिलाफ लगाई गई है.

इस धारा के तहत दोषी पाए जाने वालों अपराधियों को सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. इस बहुचर्चित हत्याकांड से जुड़े जबरन वसूली मामले के आरोपियों में एनसीपी मंत्री और परली विधायक धनंजय मुंडे का करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड भी शामिल है.

इस मामले में दो फरार आरोपियों समेत तीन लोगों को पिछले हफ्ते पुणे और कल्याण से गिरफ्तार किया गया था. दो वांछित आरोपियों सुदर्शन चंद्रभान घुले (26) और सुधीर सांगले (23) को पुणे से पकड़ा गया, जबकि सिद्धार्थ सोनावणे को ठाणे जिले के कल्याण से पकड़ा गया था. 

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सूत्रों की माने तो पुलिस को संदेह था कि मासाजोग गांव का निवासी सिद्धार्थ सोनावणे सरपंच संतोष देशमुख की गतिविधियों पर नजर रखता था. इसके साथ ही अन्य आरोपियों को उनके बारे में जानकारी देता था. सुदर्शन घुले और सुधीर सांगले को सीआईडी को सौंप दिया गया था.

पुलिस के मुताबिक, नांदेड़ जिले से पकड़ा गया एक डॉक्टर पुणे में दो आरोपियों तक पहुंच बनाने में अहम कड़ी साबित हुआ था. जांच के दौरान सुदर्शन घुले के साथ कथित संबंधों के सामने आने के बाद पुलिस ने डॉ. संभाजी वैभसे की गतिविधियों पर नजर रखी हुई थी. 

पुलिस को संदेह है कि डॉ. वैभसे ने हत्या के बाद सुदर्शन घुले को भागने में मदद की थी. देशमुख हत्याकांड को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच भाजपा विधायक सुरेश धास ने धनंजय मुंडे पर फिर से हमला बोला. आरोप लगाया कि पुणे से गिरफ्तार किए गए दो लोग सिर्फ मोहरे हैं. 

एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंकी ने सुझाव दिया था कि हत्याकांड की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए धनंजय मुंडे को मंत्रिपरिषद से बाहर किया जाना चाहिए. सोलंकी बीड जिले के विधायक मुंडे पर निशाना साधने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पहले और महायुति गठबंधन के दूसरे नेता हैं.

 

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