
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सोमवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में 45 लाख रुपए की इनामी कुख्यात महिला नक्सली मारी गई है. उसकी दो राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी. मृतक नक्सली की पहचान गुम्मादिवेली रेणुका के रूप में हुई है, जो कि विधि स्नातक थी. साल 1996 से प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में सक्रिय थी. उस पर छत्तीसगढ़ में 25 लाख और तेलंगाना में 20 लाख रुपए का इनाम घोषित था.
पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों की सीमा पर स्थित जंगल में सुबह करीब नौ बजे मुठभेड़ हुई, जब जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान नक्सल विरोधी अभियान पर निकले थे. नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर गीदम (दंतेवाड़ा) और भैरमगढ़ (बीजापुर) की सीमा पर नेलगोड़ा, इकेली और बेलनार गांवों की जंगली पहाड़ियों में अभियान चलाया गया. यहां दो घंटे गोलीबारी हुई.
इसके बाद पुलिस को गुम्मादिवेली रेणुका का शव मिला. उसे भानु, चैते, सरस्वती और दमयंती के नाम से भी जाना जाता है. वो तेलंगाना के वारंगल के कदवांदी गांव की निवासी थी. मुठभेड़ स्थल से एक इंसास राइफल, विस्फोटक, लैपटॉप और माओवादी साहित्य बरामद किया गया है. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि रेणुका दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की सदस्य थी, जो माओवादियों का मजबूत संगठन है.
आईजी ने बताया कि गुम्मादिवेली रेणुका प्रतिबंधित आंदोलन के केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो (सीआरबी) की प्रेस टीम की प्रभारी थी. उन्होंने कहा, "कानून स्नातक रेणुका साल 1996 में प्रतिबंधित संगठन में शामिल हुई थी. साल 2003 में उसे डिवीजनल कमेटी मेंबर रैंक पर पदोन्नत किया गया था. उसने आंध्र प्रदेश में स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य कृष्णा अन्ना, केंद्रीय समिति के सदस्य दुला दादा जैसे माओवादियों के साथ काम किया.''
इसके साथ ही वो एसजेडसी सदस्य रमन्नाके बहुत करीबी थी. कोविड-19 के कारण साल 2020 में रमन्ना की मौत के बाद उसको एसजेडसी सदस्य के रूप में पदोन्नत किया गया और सीआरबी में प्रेस टीम प्रभारी बनाया गया. आईजी ने बताया, "उसे नक्सल संगठन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करने, प्रभात, महिला मार्गम, अवामी जंग, पीपुल्स मार्च, झंकार, जैसी विभिन्न माओवादी पत्रिकाओं को प्रकाशित करने का काम सौंपा गया था.''
उसके भाई जीवी प्रसाद उर्फ गुडसा उसेंडी, जो एसजेडसी सदस्य था, ने 2014 में तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर दिया था. रेणुका की शादी साल 2005 में केंद्रीय समिति के सदस्य शंकामुरी अप्पाराव उर्फ रवि से हुई थी. वो साल 2010 में आंध्र प्रदेश में मुठभेड़ में मारा गया था. इस साल अब तक राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में 135 नक्सली मारे गए हैं. इनमें से 119 दंतेवाड़ा और बीजापुर सहित सात जिलों वाले बस्तर संभाग में मारे गए.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 31 मार्च, 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है. शनिवार को सुरक्षा बलों ने बस्तर क्षेत्र के सुकमा और बीजापुर जिलों में हुई दोहरी मुठभेड़ों में 11 महिलाओं समेत 18 नक्सलियों को मार गिराया. इस महीने की शुरुआत में सुरक्षा बलों ने बस्तर के बीजापुर और कांकेर जिलों में दो मुठभेड़ों में 30 नक्सलियों को मार गिराया था.