
चर्चित शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को अब जेल नियमों के मुताबिक हरी साड़ी पहननी पड़ेगी. इंद्राणी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष सीबीआई अदालत को बताया कि जेल अधिकारियों ने उन्हें जेल के अंदर ड्रेस कोड के तहत हरी साड़ी पहनने का निर्देश दिया है.
इंद्राणी ने अदालत को बताया कि पिछले पांच वर्षों से वह जेल में है. जेल प्रबंधन की ओर से ड्रेस कोड के नाम पर उसे एक हरी साड़ी दी गई थी, लेकिन उसने वो साड़ी कभी नहीं पहनी है. उसने अदालत को बताया कि वर्दी या ड्रेस कोड केवल दोषियों के लिए था और इसलिए उसे दोषी वाली वर्दी यानी हरे रंग की साड़ी पहनने से छूट दी जा सकती है.
इंद्राणी ने इस संबंध में एक आवेदन कोर्ट में दायर किया. जिसका जवाब जेल अधिकारियों ने कपड़े, बिस्तर आदि के संबंध में जेल नियमों की प्रतियों के साथ कोर्ट में फाइल किया. जेल के नियम 4 (आई) का अध्याय 33 इंगित करता है कि एक वर्ग 2 के तहत आपराधिक कैदी को कठोर कारावास या आजीवन कारावास या मौत की सजा या हत्या के आरोपी एक गैर-सजायाफ्ता कैदी (अंडर-ट्रायल) को निर्धारित कपड़े पहनना होंगे.
नियम 5 के अंतर्गत कपड़ों और बिस्तर के उपयोग को लेकर साफ निर्देश हैं. जेल नियमों के तहत इनकी आपूर्ति मुफ्त में की जाती है. इंद्राणी मुखर्जी एक अंडर-ट्रायल कैदी हैं और भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दंडनीय अपराध की आरोपी हैं. इसलिए जेल नियम 5 के अध्याय 33 के अनुसार इंद्राणी को 5.486X106-68 सेंटीमीटर आकार की हरी साड़ी पहननी होगी.
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश जयेंद्र सी जगदाले ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और कहा कि साफ तौर पर आवेदक/अभियुक्त इंद्राणी के मामले में नियम 4 (आई) लागू होता है. उन्होंने आगे कहा कि निर्धारित जेल नियमों के अनुसार बाइकुला जेल अधिकारियों का निर्णय सही है, क्योंकि उक्त नियम सरकारी गृह विभाग की अधिसूचना संख्या आरजेएम-1471-डी-एस37-एक्सवीआई 27 फरवरी, 1974 को जारी किए गए हैं. इसके साथ ही जज जगदाले ने कहा कि इंद्राणी द्वारा दायर किया गया आवेदन खारिज कर दिया जाना चाहिए.