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लॉरेंस के निशाने पर आफताब पूनावाला... दिल दहलाने वाली है श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड की खौफनाक कहानी!

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान के घर पर फायरिंग के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग पूरे देश में कुख्यात हो गया है. आए दिन लोगों को इस गैंग के नाम से रंगदारी की कॉल आ रही है. इसी बीच मुंबई पुलिस ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग पूरे देश में कुख्यात हो गया है. लॉरेंस बिश्नोई गैंग पूरे देश में कुख्यात हो गया है.
aajtak.in
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  • 15 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान के घर पर फायरिंग के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग पूरे देश में कुख्यात हो गया है. आए दिन लोगों को इस गैंग के नाम से रंगदारी की कॉल आ रही है. इसी बीच मुंबई पुलिस ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है. बाबा सिद्दीकी मर्डर केस की जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि दिल्ली के श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस में आरोपी आफताब पूनावाला लॉरेंस गैंग के निशाने पर है.

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श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस में गिरफ्तारी के बाद आफताब पूनावाला दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस गैंग के लोग तिहाड़ जेल में उस पर नजर रख रहे हैं. इस बात का खुलासा बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का मुख्य आरोपी शिवकुमार गौतम ने किया है. उसने बताया कि उसके साथी शुभम लोनकर ने उसे इस बारे में बताया था. इस तरह की खबरों का संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन आफताब की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है. 

श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस एक ऐसा मामला है जिसने पूरे भारत को हिला कर रख दिया था. यह मामला मई 2022 में सामने आया, जब दिल्ली पुलिस ने 26 वर्षीय श्रद्धा वॉल्कर के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की और जांच के दौरान जो खुलासे हुए, उन्होंने हर किसी को हैरान कर दिया. इस मामले में पुलिस श्रद्धा के कथित प्रेमी आफताब पूनावाला को गिरफ्तार किया था, जिसने उसकी हत्या और शव के 35 टुकड़े करने की बात कुबूली की थी.

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श्रद्धा वॉल्कर महाराष्ट्र के पालघर जिले की रहने वाली थी. वो मुंबई में एक कॉल सेंटर में काम करती थी. साल 2029 में एक डेटिंग ऐप पर उसकी मुलाकात आफताब पूनावाला से हुई थी. दोनों में पहले दोस्ती हुई, जो बहुत जल्द प्रेम संबंध में बदल गई. दोनों अपने-अपने परिवार से दूर होकर लिव इन में रहने लगे. श्रद्धा ने अपने परिजनों तो जब आफताब के साथ अपने रिश्ते के बारे में बताया तो वे उसका विरोध करने लगे, क्योंकि वो मुस्लिम था.

इन सबसे बेपरवाह श्रद्धा आफताब को अपना सबकुछ मान बैठी. उससे शादी के सपने देखने लगी. शादी का दबाव भी डालने लगी. इससे परेशान होकर आफताब उसे अपने रास्ते हटाने की साजिश रचने लगा. इसके लिए सबसे पहले वो उसे लेकर हिमाचल प्रदेश में ट्रैकिंग के लिए गया. उसे लगा कि वो उसे ट्रैकिंग के दौरान धक्का देकर मार डालेगा. इस तरह हत्या का हादसा दिखा सकता है. लेकिन वो अपने नापाक मंसूबे में सफल नहीं हो पाया था.

इसके बाद साल 2022 में आफताब पूनावाला श्रद्धा वॉल्कर को लेकर दिल्ली आ गया. यहां बद्री नामक एक शख्स के जरिए उसने दिल्ली के छतरपुर इलाके में एक किराए का घर लिया. दोनों वहां साथ रहने लगे. इधर दोनों के रिश्ते लगातार खराब हो रहे थे. आफताब उसे अक्सर मारता पीटता था. नशे में उसके साथ दरिंदगी करता था. श्रद्धा उसकी हरकतों से तंग आ गई थी. इसी बीच डेटिंग एप के जरिए वो एक दूसरे लड़के के संपर्क में आ गई.

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17 मई 2022 को श्रद्धा पहली बार नए दोस्त से मिलने के लिए गुरुग्राम गई थी. इसके बाद शाम तक घर नहीं लौटी, तो आफताब परेशान हो गया. उसे लगातार कॉल करने लगा, लेकिन उसने पूरी रात कोई जवाब नहीं दिया. दूसरे दिन यानी 18 मई 2022 की सुबह करीब 11 बजे वो वापस छतरपुर के फ्लैट पर लौट आई. अंदर दाखिल होते ही उसका सामना आफताब से हुआ. वो पहले ही गुस्से में था. उसको देखते ही वो भड़क गया. उससे सवाल करने लगा.

इस पर श्रद्धा वॉल्कर ने पलट कर जवाब दिया, तुमसे मतलब? मेरा जो मन करेगा वो मैं करूंगी. श्रद्धा का ये जवाब सुनकर आफताब आग बबूला हो गया और उसने श्रद्धा की पिटाई कर दी. हालांकि थोड़ी देर बाद वे दोनों नॉर्मल हो गए. इसके बाद दोनों ने ऑनलाइन खाना मंगवाया. शाम हो चुकी थी लेकिन खाना खाने से पहले ही आफताब एक बार फिर रात को वापस न लौटने को लेकर श्रद्धा पर भड़क गया. दोनों झगड़ा होने लगा. आफताब उसको नीचे गिरा दिया. 

उसकी छाती पर बैठ गया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. 18 मई को श्रद्धा का कत्ल करने के बाद आफताब सोचने लगा कि उसकी लाश को कैसे और कहां ठिकाने लगाया जाए? इसके बाद उसने लाश को बैग में रखकर हिमाचल प्रदेश में ले जाकर ठिकाने लगाने का प्लान बनाया. उसने सोचा कि वो श्रद्धा की लाश को बैग में डालकर हिमाचल ले जाएगा और वहीं ठिकाने लगा देगा. उसने 1200 रुपए का काले रंग एक बड़ा बैग भी खरीदकर ले आया. 

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आफताब ने कुछ ट्रैवल एजेंट को कैब बुक करने के लिए फोन कॉल भी किए. लेकिन उसी दौरान उसने सोचा कि यदि वो बैग में लाश को लेकर जाता भी है, तो दिल्ली से हिमाचल जाते वक्त जगह-जगह पर चेकिंग होती है. यही सोचकर उसने इस प्लान को कैंसिल कर दिया. अब लाश को देखकर उसे ठिकाने लगाने के नए-नए तरीके सोचने लगा. उसी दौरान उस ध्यान आया कि पास में बहुत बड़ा जंगल है, जहां वो लाश को टुकड़े टुकड़े करके आराम से ठिकाने लगा सकता है.

इसके बाद उसने धारदार हथियार खरीदे. उसी रात फ्लैट के बाथरूम में लाश के 35 टुकड़े कर दिए. उसने टुकड़े बेहद छोटे-छोटे किए थे, ताकि वो किसी को मिल जाए तो वो टुकड़े इंसान के ही हैं, इस बात की शिनाख्त करना आसान न हो. इतना ही नहीं उंगलियों और नाखून को उसने अलग-अलग करके जला दिया. इसके बाद एक-एक कर लाश के पैकेट को 3-4 दिनों में जंगल में ले जाकर फेंक दिया. फिर एसिड से पूरे घर को इस तरह धोया कि एक भी सबूत न मिल सके.

इसके बाद साजिश के तहत आफताब श्रद्धा वॉल्कर के मोबाइल फोन को चलाने लगा. अक्सर उसका डीपी चेंज करता. उसके दोस्तों के मैसेज का जवाब देता. ताकि लोगों को ये लगे कि वो जिंदा है. लेकिन दो तीन महीने के बाद उसने ऐसा करना बंद कर दिया. एक दिन श्रद्धा के एक दोस्त ने उसके भाई को कॉल करके बताया कि वो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं है. ऐसे में उसे उसकी चिंता हो रही है. भाई ने अपने पिता को इस मामले की जानकारी दी.

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उन्होंने उसके नंबर पर कॉल किया, लेकिन उससे बात नहीं हो पाई, तो वो स्थानीय थाने गए. उन्होंने आफताब और अपनी बेटी के संबंधों के बारे में बताते हुए उसकी तलाश की गुजारिश की, लेकिन पुलिस ने बहुत ध्यान नहीं दिया. इधर पिता लगातार श्रद्धा की तलाश कर रहे थे. इसके साथ ही थाने पर जाकर दबाव भी डाल रहे थे. आखिरकार एक दिन इस मामले की सूचना दिल्ली पुलिस को दी गई. दिल्ली पुलिस ने तुरंत आफताब को गिरफ्तार कर लिया. उसे थाने लेकर लाई.

दिल्ली पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की, तो आफताब पूनावाला ने अपने गुनाह कुबूल कर लिया. उसने हत्या की पूरी कहानी सिलसिलेवार पुलिस को बता डाली. इसके बाद पुलिस और फोरेंसिक टीम ने उसके फ्लैट और जंगल में जाकर सबूत जुटाए. श्रद्धा की लाश के टुकड़े बरामद किए गए. इसी साल मई में दिल्ली पुलिस ने इस केस में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. 3 हजार पन्नों की इस चार्जशीट में डिजिटल और फॉरेंसिक साक्ष्य शामिल किए गए हैं. 

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