
दिल्ली के महरौली में हुए श्रद्धा वालकर हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. हर तरफ लोगों में गुस्सा है. इस बीच कुछ राजनेता श्रद्धा के परिवार से भी मिलने पहुंच रहे हैं. गुरुवार को उद्धव गुट की नेता नीलम गोरहे भी श्रद्धा के पिता से मिलीं. मुलाकात के बाद नीलम गोरहे ने बड़ा आरोप लगाया.
नीलम गोरहे के मुताबिक, श्रद्धा के पिता विकास ने आरोपी और लिव-इन पार्टनर आफताब पर गंभीर आरोप लगाए. नीलम गोरहे बोलीं कि श्रद्धा के पिता ने बताया कि आफताब उनकी बेटी का फायदा उठाता था और उससे (श्रद्धा) ज्यादा से ज्यादा पैसे ऐंठने की कोशिश में रहता था. नीलम गोरहे ने आगे कहा कि विकास के मुताबिक, आफताब श्रद्धा को उसके परिवार से दूर करने की कोशिशों में लगा था.
पिता के सामने आफताब ने कबूली थी हत्या की बात
श्रद्धा के पिता विकास ने इससे पहले आजतक से बातचीत में दावा किया था कि आफताब ने उनके सामने हत्या की बात कबूली थी. तब विकास ने कहा था कि आफताब ने मेरे सामने कबूल किया कि मैंने श्रद्धा को मार दिया, वो बहुत नॉर्मल था और सब बता रहा था. वह बोले कि उसने श्रद्धा का गला दबाया, उसके टुकड़े किए और फेंक दिया.
हालांकि, तब पिता ने कहा था कि जब तक डेथ रिपोर्ट नहीं आयेगी तब तक यकीन नहीं होगा की श्रद्धा मार गई, क्योंकि एक महीने तक मुंबई पुलिस के सामने उसने कहा की श्रद्धा यह बोलकर कहीं चली गई है कि वो खुद अकेले रह सकती है. लेकिन अब दिल्ली पुलिस मेरे सामने आफताब को लेकर आई थी और मेरे सामने आफताब ने कहा कि मैंने श्रद्धा का मर्डर कर दिया है.
श्रद्धा के पिता को जब उस कमरे में दिल्ली पुलिस आफताब के साथ लेकर गई थी तो कमरे में सारा सामान बिखरा हुआ था, सारे कपड़े बिखरे हुए थे, कमरे में फ्रिज रखा हुआ था और आफताब बता रहा था की कैसे उसने श्रद्धा को मारा और फ्रिज दिखाकर कहा की इसमें बॉडी रख दी थी.
DNA टेस्ट से होगी हड्डियों की जांच
आफताब अबतक कहता रहा है कि उसने फ्रिज में रखी हड्डियों को एक-एक करके आसपास के जंगल में फेंककर ठिकाने लगाया था. अब केस की जांच में जुटी पुलिस ने जंगल से कई हड्डियां बरामद की हैं. अब इन हड्डियों का DNA श्रद्धा के पिता के DNA से मिलाकर देखा जाएगा, जिससे पता लगेगा कि ये हड्डियां श्रद्धा की हैं भी या नहीं. इसके लिए AIIMS में श्रद्धा के पिता का DNA सैंपल लिया गया है.
पिता ने यह भी बताया था कि श्रद्धा परिवार से अलग होकर आफताब के साथ रहने लगी थी. पिता ने श्रद्धा को मनाने की कोशिश भी की थी लेकिन उसने यह कहकर घर आने से मना कर दिया कि वह अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है.