
श्रद्धा मर्डर केस देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी प्रेमी आफताब पुलिस की गिरफ्त में है. इस मामले में रोज ही बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की जांच के बीच अब श्रद्धा के पिता विकास मदान वॉकर का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि श्रद्धा के दोस्त ने उन्हें बताया था कि श्रद्धा के बारे में कुछ पता नहीं चल पा रहा है.
श्रद्धा के पिता ने आगे कहा कि हमें श्रद्धा के दोस्त के बताने पर ही इस बात का अहसास हो गया था कि आफताब ने उसके साथ कुछ गलत किया होगा. हमने श्रद्धा से पहले भी कहा था कि आफताब के साथ रहना ठीक नहीं है. उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए.
श्रद्धा के पिता विकास मदान वॉकर ने बताया, 'बेटी और आफताब अमीन पूनावाला के अफेयर के करीब 18 महीने बाद हमें दोनों के रिलेशनशिप का पता चला. बेटी ने अपनी मां से साल 2019 में कहा था कि वो आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है. इसका मैंने और मेरी पत्नी ने विरोध किया था.'
उन्होंने आगे बताया, 'इस रिलेशनशिप को बढ़ाने से मना करने पर श्रद्धा ने कहा था कि मैं 25 साल की हो गई हूं. मुझे अपने फैसले लेने का पूरा हक है. मुझे आफताब के साथ लिव इन में रहना है. मैं आज से आपकी बेटी नहीं. यह कहकर वो घर से जाने लगी, तो मेरी पत्नी ने काफी मिन्नतें की. मगर, वो नहीं मानी और आफताब के साथ चली गई'.
विकास के मुताबिक, 'बेटी के जाने के बाद उसके दोस्तों से पता चला कि दोनों नया गांव और फिर महाराष्ट्र में जाकर रहने लगे. कभी-कभी श्रद्धा अपनी मां को फोन करके बताती थी कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है. इसी बीच उसकी मां की मौत हो गई'.
श्रद्धा के पिता ने बताया, 'पत्नी की मौत के बाद एक-दो बार श्रद्धा ने मुझे फोन किया. तब भी उसने आफताब की हरकतों के बारे में बताया. यही बात उसने घर आकर भी बताई थी. इस पर मैंने आफताब को छोड़कर वापस घर लौट आने के लिए कहा था. मगर, आफताब के मनाने पर वह उसके साथ चली गई.'
विकास के मुताबिक उन्हें उनकी बेटी के दोस्तों शिवानी माथरे और लक्ष्मण नादर ने बताया कि श्रद्धा और आफताब के रिश्ते अच्छे नहीं हैं. आफताब उसके साथ मारपीट करता है. चूंकि कई बार मैंने उसे समझाया था. मगर, उसने मेरी बात नहीं मानी थी, इस वजह से मैंने उससे बात नहीं की. इसी बीच 14 सितबंर को मेरे बेटे श्रीजय को श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण ने फोन करके बताया कि उसकी बहन का फोन दो महीने से बंद है.
श्रद्धा के पिता ने बताया कि अगले दिन उन्होंने अपने बेटे से बात की. उसने इस बारे में उन्हें बताया, तो उन्होंने लक्ष्मण से बात की और थाना मानिकपुर महाराष्ट्र में श्रद्धा की लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई'. रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पता चला कि श्रद्धा आफताब के साथ दिल्ली में रह रही है. इस पर उन्होंने दिल्ली के महरौली थाने पहुंचकर आफताब के खिलाफ बेटी के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई.
जांच शुरू हुई, तो वारदात की परतें खुलने लगीं. पकड़े जाने पर आफताब ने पुलिस को बताया कि 18 मई को दोनों के बीच शादी को लेकर लड़ाई हुई थी. इसके बाद उसने फ्लैट के अंदर ही पहले धारदार हथियार से श्रद्धा की हत्या की. फिर आरी से उसके हाथ के तीन टुकड़े किए. इसके बाद पैर के भी तीन टुकड़े किए. इसी तरह पूरी बॉडी के 35 टुकड़े कर दिए. आरोपी रोज पिट्ठू बैग में शव के कुछ टुकड़ों को लेकर शहर और जंगल के अलग-अलग इलाकों में जाता और ठिकाने लगा देता. उसे लगा था कि कोई भी इस तरह उसे पकड़ नहीं पाएगा.