
देश की राजधानी दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. पुलिस जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर 18 मई की रात को श्रद्धा और आफताब के बीच क्या हुआ? इसके लिए सोमवार की देर रात को आफताब को दिल्ली पुलिस की टीम उसी फ्लैट में लेकर गई, जहां पर उसने खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था.
सोमवार देर रात आफताब के साथ दिल्ली पुलिस ने उस फ्लैट में क्राइम सीन को रीक्रिएट किया, जिसमें श्रद्धा की हत्या आफताब ने की थी. अफताब और श्रद्धा के बीच जब झगड़ा हुआ तो अफताब ने पहले श्रद्धा की जमकर पिटाई की थी. पिटाई से श्रद्धा बेसुध हो गई थी, जिसके बाद आफताब श्रद्धा के उपर छाती पर बैठा और उसका गला दबाकर मार डाला.
पुतला लेकर फ्लैट पर पहुंची पुलिस
दिल्ली पुलिस क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए फ्लैट में एक पुतला लेकर पहुंची थी. पुलिस को पता चला कि खून साफ करने के लिए फ्रिज और कमरे को सल्फर हाईपोक्लोरिक एसिड से साफ किया गया था, इसी वजह से खून के धब्बे नहीं मिले. क्राइम सीन रीक्रिएट करने के साथ ही दिल्ली पुलिस की टीम श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को इकट्ठा कर रही है.
आज फिर श्रद्धा का सिर तलाशेगी पुलिस
हालांकि, दिल्ली पुलिस को अबतक श्रद्धा का सिर नहीं मिला है. आज फिर पुलिस श्रद्धा का सिर तलाशेगी. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में आफताब ने बताया कि वो एक बार पहले भी श्रद्धा को मारने की कोशिश कर चुका था, लेकिन उस दिन श्रद्धा रो दी थी, इस वजह से उसने अपना इरादा बदल दिया था, उस दिन भी झगड़े की वजह शादी ही थी.
पहले लीवर और आंतों को लगाया ठिकाने
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 18 मई को श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने सबसे पहले उसके लीवर और आंतों को ठिकाने लगाया था. आफताब ने पूछताछ में बताया है कि जब भी वो किसी से बात कर रहा होता श्रद्धा गुस्सा हो जाती, उस पर शक करती. फिलहाल आफताब से दिल्ली पुलिस की टीम पूछताछ कर रही है.
अब तक क्या हुआ?
अबतक हुई कार्रवाई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस मंगलवार को आफताब को साउथ दिल्ली के छतरपुर में मौजूद जंगलों में लेकर गई थी. करीब तीन घंटे पुलिस वहां रही. यहीं जंगल में आफताब ने श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को फेंका था. श्रद्धा के शव के 20 टुकड़ों को आफताब ने पहले 300 लीटर के फ्रिज में रखा था. बाद में उनक टुकड़ों को एक-एक करके वह शहर के अलग-अलग कोनों में फेंकता रहा.