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'मूसेवाला की हत्या का मैं ही मास्टरमाइंड', लॉरेंस बिश्नोई ने कबूला, 10 महीने से रच रहा था साजिश

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) ने खुलासा किया है कि वह 10 महीने से मूसेवाला की हत्या की प्लानिंग कर रहा था. इस दौरान तीन बार सिद्धू की रेकी हुई थी. लेकिन तब हमला नहीं हो पाया था.

लॉरेंस बिश्नोई ने कराई मूसेवाला की हत्या लॉरेंस बिश्नोई ने कराई मूसेवाला की हत्या
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST
  • लॉरेंस गैंग ने तीन बार सिद्धू की रेकी की थी
  • जनवरी में भी मूसेवाला को मारने की कोशिश हुई थी

Sidhu Moosewala killing: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के पीछे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का ही हाथ था अब यह साफ हो गया है. पंजाब पुलिस ने बताया है कि लॉरेंस ने कबूल कर लिया है कि मूसेवाला की हत्या की साजिश का मास्टरमाइंड वह ही था. पंजाब पुलिस के ADGP प्रमोद बान ने यह बयान दिया.

प्रमोद बान एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के मुखिया भी हैं. उन्होंने गुरुवार को एक और गिरफ्तारी की जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि मूसेवाला हत्याकांड के एक और आरोपी बलदेव उर्फ निक्कू को पकड़ा गया है. वह हरियाणा के सिरसा से है.

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बता दें कि पंजाबी गीतकार शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को हत्या कर दी गई थी. उनको मानसा जिले में उनके गांव मूसा के पास मारा गया था. तब उनकी गाड़ी पर बदमाशों ने करीब 30 राउंड फायरिंग की थी.

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अब मीडिया के बात करते हुए पुलिस अधिकारी प्रमोद बान ने कहा कि मूसेवाला केस में फिलहाल लॉरेंस से पूछताछ जारी है. उसकी रिमांड 27 जून तक बढ़ाई गई है. 

जनवरी में भी हुई थी मूसेवाला को मारने की कोशिश

ADGP ने आगे बताया है कि सिद्धू पर हमले की प्लानिंग पिछले साल अगस्त में बनाई गई थी. फिर तीन बार रेकी भी हुई. इसी साल जनवरी में भी मूसेवाला को मारने की कोशिश हुई थी. तब दूसरे शूटर्स को मूसेवाला को मारने भेजा गया था, लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाये थे. 

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बिश्नोई ने माना है कि कनाडा में रह रहे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और अपने दो साथियों के साथ मिलकर उसने इस मर्डर की साजिश रची थी.

प्रमोद बान के मुताबिक, पुलिस ने मूसेवाला मर्डर केस में अबतक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. सहयोगी, हथियार देने वाले, आर्थिक मददगार सबको जोड़ा जाए तो अबतक 18 गिरफ्तारी हुई हैं. फिलहाल पूरी साजिश से पर्दा उठा लिया गया है. बान ने यह भी बताया कि लॉरेंस ने माना है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में उसके पास मोबाइल फोन था, जिससे वह अपने गुर्गों के संपर्क में रहता था.

क्या दिल्ली पुलिस को जो हथियार मिले उनसे मूसेवाला को मारा गया था? इस सवाल पर बान ने कहा कि अभी फॉरेंसिक की रिपोर्ट का इंतजार है. उसके बाद ही कुछ साफ होगा. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो शूटर्स को गिरफ्तार किया था. इसमें से एक गोल्डी बराड़ के संपर्क में था.

इनके पास से आठ ग्रेनेड, अंडर बैरल ग्रैनेड लॉन्चर, 9 डिटोनेटर, एक असॉल्ट राइफल और 20 गोलियां मिली थीं. इसके अलावा तीन देसी कट्टे, 36 गोलियां और ऐके सीरीज की राइफल का एक हिस्सा भी मिला था.

बताया गया कि हत्या की साजिश की तैयारी के लिए लॉरेंस का भाई अनमोल बिश्नोई और उसका साथी सचिन तापन फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भी गये थे. फिर दोनों लॉरेंस की मदद से विदेश में ही सेटल हो गये और वहीं से ऑपरेट करने लगे. फर्जी पासपोर्ट के मामले में एक अलग एफआईआर दर्ज हुई है.

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