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सोनीपत की निर्भया को साढ़े पांच साल बाद मिला इंसाफ, कोर्ट में फूट-फूट कर रोई मां

हरियाणा के सोनीपत में 9 मई 2017 की सुबह युवती का अपहरण किया गया था. इसके बाद आरोपियों ने युवती को नशीला पदार्थ खिला दिया था. बेहोशी की हालत में युवती के साथ आठ घंटे तक दरिंदगी की गई. फिर उसकी हत्या करके फेंक दिया गया था. इस मामले में पीड़ित परिवार को साढ़े पांच साल इंसाफ मिला.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
पवन राठी
  • सोनीपत,
  • 20 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:04 AM IST

हरियाणा के सोनीपत की निर्भया को इंसाफ मिल गया. इसके लिए पीड़ित परिवार को साढ़े पांच साल तक लंबा इंतजार करना पड़ा. न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत ने जब दोनों को फांसी की सजा सुनाई, तो कोर्ट में मौजूद पीड़ित युवती की मां फूट-फूट कर रोने लगी. दोनों हाथ ऊपर कर उनके मुंह से निकला कि आखिरकार बेटी को न्याय मिल गया. 

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जिस तरह दोषियों ने मेरी बेटी को तड़पा कर मारा था, उसी तरह अब वे भी मरेंगे. अदालत में इस दौरान दोनों दोषी गर्दन नीचे करके खड़े रहे. उनके चेहरे के हाव-भाव बता रहे थे कि उनको पता था कि इस दरिंदगी के लिए उन्हें फांसी की सजा ही मिलने वाली है.

छेड़छाड़ करते थे, विरोध करने पर की वारदात 

दरअसल, सोनीपत की निर्भया से 2 मई 2017 को कीर्ति नगर के रहने वाले सुमित ने रास्ते में छेड़छाड़ की थी. उसने दो दिन बाद दोबारा से रास्ते में घेरकर युवती को पकड़ने का प्रयास किया, तो युवती ने उसे थप्पड़ मार दिया था.

इसके बाद 5 मई को सुमित ने अपने साथी के साथ मिलकर युवती को रास्ते में रोककर उसकी पिटाई की थी. इसी बीच 9 मई को ड्यूटी पर जाने के दौरान कार से युवती का अपहरण कर लिया था.

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दोस्त के साथ मिलकर की दरिंदगी और हत्या 

इसके बाद युवती की मां ने सुमित के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. बाद में सीआईए ने आरोपी सुमित को अवैध हथियार के साथ दबोचा था. पूछताछ में उसने युवती के साथ हुए जघन्य घटना से पर्दा उठाया. उसने बताया कि पकड़े जाने के डर से दोस्त विकास के साथ मिलकर युवती की हत्या कर दी.

इसके बाद रोहतक की अर्बन इस्टेट थाना पुलिस ने 11 मई 2017 को युवती की लाश क्षत-विक्षत हालत में बरामद की थी. कपड़ों के आधार पर उसकी पहचान की गई थी. युवती के शरीर पर शराब की बोतल और ईंटों से वार किए गए थे.

उसके संवेदनशील अंगों को क्षत-विक्षत कर दिया था. लाश को जानवरों ने नोच लिया था. फिर पुलिस ने सुमित के बाद उसके साथी विकास यादव को भी गिरफ्तार कर लिया.

नेताओं से लेकर सामाजिक संगठनों का पीड़िता के घर लगा रहा तांता

घटना के बाद से लोगों में रोष फैल गया था. प्रदेश भर में प्रदर्शन हुए थे. लोगों ने धरना-प्रदर्शन कर कैंडल मार्च निकाला था. शहर में न्याय यात्रा निकाली गई थीं. कई राजनीतिक दलों के नेता और सामाजिक संगठनों के लोग पीड़िता के घर सांत्वना देने के लिए पहुंचे थे. 

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तत्कालीन डीजीपी पहुंचे थे सोनीपत

इस मामले में लोगों का आक्रोश को देखते हुए तत्कालीन डीजीपी बीएस संधु को सोनीपत आना पड़ा था. मामले में पुलिस ने तथ्य जुटाने के साथ ही गवाहों को एकत्र किया था. इस मामले में तत्कालीन एसपी अश्विनी शैणवी ने मामले को अपने हाथ में लिया था.

तत्कालीन डीएसपी मुकेश जाखड़ ने साक्ष्य जुटाने की कमान संभाली थी. इस मामले में युवती के अपहरण के समय मौजूद उसकी सहकर्मी और एसएफएल टीम और लैब की रिपोर्ट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

ऐसे चला पूरा घटनाक्रम

  • 9 मई 2017 सोनीपत के सिटी थाना क्षेत्र से 19 साल की युवती घर से फैक्टरी के लिए निकली, लेकिन लापता हो गई.
  • 11 मई 2017 को युवती की मां ने सिटी थाना में बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराया. सुमित नाम के युवक को नामजद कराया.
  • 11 मई 2017 को सुमित को सीआईए की टीम ने अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया.
  • गिरफ्तारी के बाद सुमित ने साथी के साथ मिलकर युवती का अपहरण कर नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करने की बात कबूल की.
  • आरोपी सुमित ने अपने साथी कबीरपुर के विकास यादव की संलिप्तता कबूल की.
  • सुमित ने बताया 9 मई 2017 की सुबह युवती का कार में अपहरण कर रोहतक ले गए थे.
  • 9 मई 2017 को रोहतक-सोनीपत रोड पर स्थित ढाबे से दाल-चावल और दही खरीदा था. खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर युवती को खिला दिया था. इसके बाद वह बेहोश हो गई.
  • युवती से 9 मई 2017 की रात को बेहोशी की हालत में आठ घंटे तक दरिंदगी की गई थी. 
  • 14 मई 2017 को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई. इसमें युवती के शरीर पर करीब 15 गहरी चोटों के निशान मिले थे. उसकी कई हड्डियां गायब मिली थी. पुलिस ने युवती के शरीर के विभिन्न हिस्सों से 10 सैंपल भिजवाए थे. बाद में डीएनए भी कराया गया था.
  • 14 मई को पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त ईंट को बरामद किया.
  • 18 मई 2017 को तत्कालीन डीजीपी बीएस संधु सोनीपत पहुंचे. तत्कालीन सिटी थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया. साथ ही रोहतक और सोनीपत के दो एएसआई सस्पेंड किए गए.
  • 18 मई 2017 को तत्कालीन डीजीपी ने चार माह में आरोपियों को सजा दिलाने के प्रयास की बात कही थी.
  • 22 मई 2017 को आरोपियों के मोबाइल फोन बरामद किए गए.
  • 22 मई को पीड़िता के अधिवक्ता विकास इंदौरा ने पत्रकारों के सामने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. साथ ही सीबीआई जांच की मांग की.
  • 1 जून 2017 को मामले में एक अन्य युवक पंकज को गिरफ्तार किया गया. उस पर मुख्य आरोपी का मोबाइल सिम और युवती का बैग नगर में फेंकने का आरोप था.
  • 28 जून 2017 को तत्कालीन एसीजेएम सुनील चौहान की अदालत में पुलिस ने 409 पेज का चालान पेश किया.
  • जून 2017 में मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने के लिए एसपी ने सेशन जज को पत्र लिखा.
  • जून 2017 में युवती और आरोपियों का डीएनए मैच हो गया था. इसमें पुष्टि हो गई थी कि दोनों मुख्य आरोपियों ने युवती के साथ दुष्कर्म किया था.
  • 30 जून 2017 को युवती के भाई पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था.
  • 2 अगस्त 2017 युवती के भाई की भी हत्या कर दी गई थी. युवक का शव दिल्ली रोड पर यूनियन बैंक के पीछे कमरे में मिला था. 
  • 6 दिसंबर 2022 को अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया.
  • 12 दिसंबर 2022 को दोषी विकास ने नार्को टेस्ट की अपील की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.
  • 16 दिसंबर 2022 को दोनों दोषियों की मेडिकल रिपोर्ट अदालत में पेश की गई.
  • 19 दिसंबर 2022 को दोनों को फांसी की सजा सुनाई गई.

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