
दक्षिण 24 परगना के बरुईपुर में मानसिक रूप से विक्षिप्त एक युवक पर शीतला मंदिर में मूर्ति तोड़ने और फिर उसमें आग लगाने का आरोप लगा है. इस घटना के बाद शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना के बरुईपुर के फुलतला इलाके में काफी तनाव फैल गया. बरुईपुर थाने की पुलिस ने इस घटना के आरोपी अतरक नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अतरक मोल्ला नामक युवक शुक्रवार सुबह-सुबह फुलतला इलाके में स्थित शीतला मंदिर में घुस गया. उसने वहां शीतला की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया और उसमें आग लगा दी. मामला तुरंत स्थानीय लोगों के संज्ञान में आया. इलाके के लोगों ने दौड़कर आरोपी को पकड़ लिया और फिर उसे बांधकर पीटा गया.
उधर, इस मामले पर पश्चिम बंगाल पुलिस का बयान आया है. पुलिस के मुताबिक, कुछ लोग बरुईपुर पुलिस थाने के अंतर्गत रामनगर में एक घटना के बारे में गलत सूचना और अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. जहां एक स्थानीय मंदिर में मां शीतला की मूर्ति को एक विक्षिप्त व्यक्ति ने क्षतिग्रस्त कर दिया. स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है.
इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है. हिरासत में लिया गया व्यक्ति बाहरी का है और उसे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं. पुलिस के अनुसार, स्थिति शांतिपूर्ण है. अफवाह और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
उधर, बीजेपी नेता अमित मालवीय का X पर लिखा कि बंगाल में टीएमसी की तुष्टीकरण की अतिवादी प्रवृत्ति किसी से छिपी नहीं है और हिंदुओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. कोलकाता के बाहरी इलाके जादवपुर लोकसभा के रामनगर गांव में उपद्रवियों की भीड़ ने ‘शक्ति’ को समर्पित एक मंदिर को अपवित्र कर दिया. हालांकि, ग्रामीणों ने दोषियों में से एक अतरक मोल्लाह को पकड़ लिया.
वास्तव में चौंकाने वाली बात ममता बनर्जी की ‘गुलाम’ पुलिस की प्रतिक्रिया है, जो अपराधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाय ग्रामीणों पर अपनी शिकायत वापस लेने का दबाव बना रही है. ये भयावह घटनाएं एक भयावह भविष्य का संकेत देती हैं, जहां ममता की तुष्टीकरण की नीतियां बंगाल को पूरी तरह से दूसरे बांग्लादेश में बदल सकती हैं.
चुनाव नजदीक आने और ममता बनर्जी को प्रशासनिक विफलताओं की एक श्रृंखला के बारे में पूरी तरह से पता होने के कारण उनके खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी भावना को बढ़ावा मिला है, इसलिए उन्होंने अपनी तुष्टीकरण की रणनीति को और तेज कर दिया है.
टीएमसी विधायक बिभाष सरदार ने कहा कि हम हिंदू हैं, हम हर भगवान में विश्वास करते हैं. मूर्ति के साथ बर्बरता की यह शर्मनाक घटना हुई है. पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. सुना है कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है. सुशोभन नामक भाजपा नेता और उनकी पत्नी मंदिर के बगल में ही रहते हैं, लेकिन जब बर्बरता हुई तो उन्हें कुछ पता नहीं चला? मैं आपको कह रहा हूं कि तनाव पैदा करने के लिए भाजपा नेता सुशोभन ने बर्बरता करवाई और इस विक्षिप्त व्यक्ति को आगे रखा. पुलिस को जांच कर पता लगाना चाहिए कि आखिर हुआ क्या है?
भाजपा के अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है, हम पश्चिम बंगाल में रहते हैं. देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ. नेहरू, गांधी, जिन्ना ने देश का बंटवारा किया, कहा कि हिंदू यहां रहेंगे, मुसलमान पाकिस्तान में रह सकते हैं, लेकिन यह राज्य जो बंगाली हिंदुओं की एकमात्र मातृभूमि है, वहां हम दुर्गा पूजा और सरस्वती और अन्य पूजा नहीं मना पा रहे हैं. उसके (आरोपी) साथ अन्य जिहादी भी थे, लेकिन गांव वालों के हस्तक्षेप के बाद वे भाग गए. गांव वालों ने मुझे बताया कि उसका उच्चारण स्थानीय लोगों से अलग था. यह पता लगाना होगा कि वह बांग्लादेशी रोहिंग्या है या नहीं. पुलिस उसे ले गई, वह युवक कहां है? पुलिस को जवाब देने की जरूरत है. पुलिस स्थानीय लोगों को डरा रही है, उन्हें बता रही है कि उन्होंने ही मंदिर में तोड़फोड़ की है. हमारे नेता राजर्षि को टीएमसी विधायक के गुंडों ने तब पीटा जब उन्होंने विरोध किया. हम टीएमसी विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे.