Advertisement

दिल्ली से दो और संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार, पंजाब में बड़े हमले को देने वाले थे अंजाम

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2 और संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान पंजाब के गुरदासपुर निवासी जगप्रीत उर्फ जग्गा औऱ गुरुप्रीत के रूप में हुई है. दोनों चचेरे भाई हैं. ये पंजाब में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST

26 जनवरी से पहले राजधानी दिल्ली में संदिग्ध आतंकियों की धरपकड़ का सिलसिला जारी है. जहांगीरपुरी से हाल ही में गिरफ्तार किए गए 2 संदिग्ध आतंकियों के बाद अब 2 और संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों ही किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन इससे पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें अरेस्ट कर लिया.

Advertisement

गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान पंजाब के गुरदासपुर निवासी जगप्रीत उर्फ जग्गा औऱ गुरुप्रीत के रूप में हुई है. दोनों चचेरे भाई हैं. ये पंजाब में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. इनके निशाने पर पंजाब का एक राजनेता भी था. गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने दोनों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दोनों की गिरफ्तारी 5 जनवरी को की गई है.

बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके से दो संदिग्ध आतंकी नौशाद और जगजीत सिंह को गिरफ्तार किया था. दोनों से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए थे. दोनों दोनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में थे और राइट विंग लीडर की हत्या करना चाहते थे. दोनों का क्रिमिनल रिकॉर्ड है. नौशाद पर पूर्व में हत्या के दो मामले दर्ज हैं.

Advertisement

पुलिस ने बताया था कि नौशाद और जगजीत के पास से 3 पिस्टल और 22 कारतूस मिलें थे. आतंकी अर्श डल्ला इन्हें कंट्रोल कर रहा था. ये बात भी सामने आई थी कि 15 दिसंबर को इन्होंने एक आदमी की हत्या की थी. इस वादरात को अंजाम देने के बाद पाकिस्तान में इसकी सूचना भी दी थी.

नौशाद और जगजीत दोनों हल्द्वानी जेल में मिले थे. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन्हें हथियार कहां से मिले. इससे पहले संदिग्ध आतंकियों की निशानदेही पर पुलिस ने शनिवार को भलस्वा स्थित एक प्लॉट से शव के टुकड़े बरामद किए थे. शव को 8 से 9 टुकड़ों में काटा गया था. दोनों संदिग्धों ने विदेश में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर एक शख्स का गला काटा और उसकी लाश के कई टुकड़े करके भलस्वा डेरी इलाके में फेंक दिए थे.

चौंकाने वाली बात ये है कि जहां दंगा हुआ, वहां दिल्ली पुलिस की आंख में धूल झोंककर महीनों से अपना ठिकाना बनाया हुआ था. लेकिन दिल्ली पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. बता दें कि जुलाई 2022 में जहांगीरपुरी में राम नवमी जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. उसके बाद से इलाके में लोकल पुलिस, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और दिल्ली पुलिस की खुफिया इकाई की स्पेशल ब्रांच लगातार एक्टिव थीं.इसके बावजूद नौशाद और जगजीत ने यहां अपना ठिकाना बनाया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement