
एनआईए की विशेष अदालत ने जाली नोट का धंधा करने वाले एक आरोपी को 6 साल क़ैद बमशक्कत की सजा सुनाई है. यह फैसला एर्नाकुलम एनआईए की विशेष अदालत ने सुनाया है. अभियुक्त अली हुसैन को कोर्ट ने दोषी पाया है. अली हुसैन को 6 साल क़ैद बमशक्कत की सजा के अलावा अदालत ने 85000 रुपये का जुर्माना भी भरने को कहा है.
मुर्शिदाबाद के रहने वाले 30 साल के अली हुसैन को सन 2018 में गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद चार्जशीट दाखिल की गई थी. अदालत ने अली हुसैन को नकली नोट रखने और केरल में उसको खपाने का दोषी पाया है. 2018 में नकली नोट से जुड़ा हुआ यह केस केरल के त्रिशूर पूर्वी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था. पुलिस ने यह जांच एनआईए को सौंपी थी. एनआईए ने अपनी जांच में 2000 के 101 नोट यानी दो लाख 2 हज़ार रुपए के नकली नोट बरामद किए थे.
अली हुसैन की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने खुलासा किया था कि हुसैन के रिश्ते बांग्लादेशी नागरिक आलिम शेख़ से हैं. आलिम शेख के जरिए ही अली हुसैन बांग्लादेश से बंगाल के रास्ते केरल में जाली नोटों का जाल बिछा रहा था. फिलहाल आलिम शेख फरार बताया जा रहा है. आलिम शेख जाली नोटों के बड़े सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है.