
राजस्थान में चुनाव पूरा होने के बाद अब मुख्यमंत्री कौन होगा, इसपर चर्चा जारी है. लेकिन इस बीच जयपुर में मंगलवार को एक बड़ा हत्याकांड हो गया. दो हमलावरों ने करणी सेना के प्रमुख सुखदेव गोगामेड़ी को उन्हीं के घर में घुसकर मार डाला. हमलावरों ने जिस बेखौफ अंदाज में इस हत्याकांड को अंजाम दिया, उसने अतीक अहमद और अशरफ कांड की यादें ताजा हो गई.
इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद जयपुर में गोगामेड़ी के समर्थक गुस्से में हैं, हमलावरों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंताजाम कर दिए गए हैं. इस बीच राजपूत करणी सेना समेत कुछ अन्य संगठनों ने बुधवार को राजस्थान बंद का ऐलान किया है. संगठनों की मांग है कि इस मामले में न्यायिक जांच हो.
इस बीच कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने ये तक कह दिया है कि अब वक्त आ गया है कि पुलिस ऐसे क्रिमिनलों का एनकाउंटर कर दिया जाए. फिलहाल दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, गोगामेड़ी ने पुलिस से सुरक्षा मांगी हुई थी. उन्होंने दावा किया था कि संपत नेहरा गैंग और दूसरे क्रिमिनल उनको धमकी दे रहे थे. फिलहाल उनकी सुरक्षा का रिव्यू किया जा रहा था.
एक कमरा, पांच लोग और मर्डर
जयपुर में हुए इस हत्याकांड की सारे देश में चर्चा है. मंगलवार दोपहर 1.30 बजे 3 लोग सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के ऑफिस आए और 10 मिनट की बातचीत के बाद कमरे में बैठे 2 हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी और इस मर्डर के CCTV ने देश को हैरान कर दिया.
ताबड़तोड़ फायरिंग के दौरान पहली गोली सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के सीने पर लगी. दूसरी गोली उनके पास बैठे साथी को मारी गई. तीसरी गोली गोगामेड़ी के कमरे से भागते हुए एक और गार्ड को मारी जाती है.
गोगामेड़ी के जमीन पर लुढ़कने के बाद भी उसके पास में जाकर सिर पर नजदीक से गोली मारकर ये तय किया जाता है कि वो किसी भी हाल में जिंदा न रहें.
जयपुर की इस वारदात में मरने वाले श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के संस्थापक सुखदेव सिंह गोगामेड़ी थे. जिन्हें मारने के लिए हमलावरों ने ताबड़तोड़ 17 राउंड फायर करके उन्हीं के ऑफिस में 2 सुरक्षाकर्मियों के मौजूदगी में मारा गया.
ताबड़तोड़ फायरिंग के दौरान पहली गोली सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के सीने पर लगी. इसके तुरंत बाद एक साथ कई गोलियां मारी गईं. गोगामेड़ी के जमीन पर लुढ़कने के बाद भी उसके पास में जाकर सिर पर नजदीक से गोली मारी गई.
अब सवाल ये है कि 2-2 बॉडीगार्ड की मौजूदगी में ये मर्डर कैसे हुआ?
घर के बाहर तैनात 2-2 गार्ड क्यों कुछ नहीं कर पाए ?
दोनों हमलावरों को घर में घुसते हुए किसी ने रोका क्यों नहीं ?
किसी ने उनकी ढंग से जांच क्यों नहीं की?
कुछ सवाल का जवाब सीसीटीवी तस्वीरों से मिलता है. हमले से पहले घर के अंदर की लॉबी में एक बंदूकधारी गार्ड समेत 3 लोगों को आप देख सकते हैं. घर के बाहर इसी सुरक्षा के भरोसे अंदर गोगामेड़ी बेखौफ होकर अपने ऊपर से खतरे से अनजान थे और फोन पर बात कर रहा थे.
इसके बाद गोगामेड़ी अपने साथी को फोन देते हैं. इस बात से बेखबर कि उनके सामने बैठे दोनों लोग उन्हें मारने वाले हैं.
गोली चलाने से करीब 1 मिनट पहले हमलावर अपने साथी की तरफ देखकर एक्शन का इशारा करता है. तभी गोगामेड़ी के पास फोन आता है. बगल में बैठा साथी भी फोन देखने लगता है. यही नहीं कमरे में गोगामेड़ी का दूसरा साथी भी फोन देखता रहता है.
मौका देखकर हमलावर तेजी से पीछे होकर रिवॉल्वर निकालता है. और पहले ही तीन फायर में गोगामेड़ी समेत दूसरे साथी का काम तमाम हो जाता है.
घर के अंदर फायरिंग से बाहर खड़े दो गार्ड हरकत में आते हैं पोजीशन लेने की कोशिश करते हैं लेकिन हमलावरों की फायरिंग के डर से भाग खड़े होते हैं.
नवीन सिंह शेखावत के साथ आए थे हमलावर
दरअसल ये हमलावर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के दफ्तर में नवीन सिंह शेखावत के साथ आए थे. दोनों हमलावरों ने जब गोगामेड़ी पर फायरिंग की तब उनके साथ आने वाले नवीन सिंह शेखावत रोकने की कोशिश करते हैं और इस दौरान दोनों हमलावर नवीन पर भी फायर कर देते हैं.
बताया जा रहा है कि नवीन सिंह शेखावत सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का परिचित था. उसी के साथ हमलावर आये थे. दोनों हमलावर काले रंग की इसी स्कॉर्पियो में आये थे, जिसे नवीन सिंह शेखावत चलाकर लाया था. शायद यही वजह है कि तीनों की ठीक से जांच पड़ताल नहीं की गई. जो गोगामेड़ी की मौत की वजह बना.
स्कूटी छीनकर हुए फरार
इस हत्याकांड को अंजाम देकर भागने वाले हमलावरों ने एक स्कूटी सवार को भी गोली मारी और स्कूटी छीनकर फरार गए. इस हत्याकांड में दोनों हमलावर बेखौफ दिखे. कानून का डर उनमें रत्तीभर भी नहीं दिखा. सवाल ये है कि क्या नई सरकार राजस्थान में अपराधियों में कानून का खौफ पैदा कर पाएगी?
लॉरेंस गैंग ने ली जिम्मेदारी, भड़के हैं समर्थक
सुखदेव सिंह गोगोमेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा ले ली है. सुखदेव सिंह का नाम भी कई विवादों में आ चुका है. वह पद्मवती फिल्म का विरोध करने पर सुर्खियों में आया था. करणी सेना ने अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की वजह से करनी सेना से निकाल दिया था. फिर इन्होंने श्री राजपूत राष्ट्रीय बनाया. इस हत्याकांड के बाद इस संगठन ने राजस्थान बंद का बुलाया है.
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगोमेड़ी की हत्या से उनके समर्थकों में बेहद नाराजगी है और वो जान देने या जान लेने की बात कह रहे हैं.
कौन है रोहित गोदारा?
रोहित गोदारा ने ही राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी ली है. बताया जा रहा है कि उसने 19 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था. वो अब तक 15 बार जेल जा चुका है. रोहित गोदारा बीकानेर के कालू थाने का मोस्टवांटेड है.
गोदारा के गैंग में 150 अपराधी हैं. राजस्थान के अलावा वो और उसके गुर्गे हरियाणा और पंजाब में भी वारदात को अंजाम देते हैं. उसके खिलाफ 32 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में भी उसका नाम आ चुका है.
नागौर के लाडनूं से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को उसने जान से मारने की धमकी दी थी. पुलिस ने गोदारा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था. उस पर 1 लाख का इनाम भी है. 2022 में वो गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या की जिम्मेदारी भी ले चुका है.