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सेक्स स्कैंडल: JDS नेता प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका, खारिज हुई ये याचिका

कर्नाटक के चर्चित सेक्स स्कैंडल में फंसे जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद को जमानत पर रिहा करने का आदेश देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले बेंगलुरु हाईकोर्ट ने भी उनको जमानत देने से इनकार कर दिया था.

जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है.
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

कर्नाटक के चर्चित सेक्स स्कैंडल में फंसे जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद को जमानत पर रिहा करने का आदेश देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले बेंगलुरु हाईकोर्ट ने भी उनको जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को प्रज्वल रेवन्ना ने सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी है.

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जेडीएस नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के तीन मामले दर्ज हैं. इनके अलावा उन पर कई महिलाओं से बलात्कार के भी आरोप हैं. इस मामले के सामने आने के बाद कर्नाटक सहित पूरे देश में सनसनी फैल गई थी. उस वक्त लोकसभा चुनाव हो रहा था. ऐसे में इस खुलासे के तुरंत बाद प्रज्वल देश छोड़कर भाग गए थे. लेकिन कुछ महीनों के बाद वापस लौट आए थे. 

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ दर्ज पहला केस 47 साल की पूर्व नौकरानी के यौन शोषण से जुड़ा है. इसमें उनको मुख्य आरोपी ना बनाकर सहायक आरोपी यानी की आरोपी नंबर 2 बनाया गया है. इसे 28 अप्रैल को हासन के होलेनारसीपुरा में दर्ज किया गया था. इसमें उनके पिता एचडी रेवन्ना मुख्य आरोपी हैं. वो इस समय जमानत पर हैं. दूसरा केस सीआईडी ने दर्ज किया था. यह मामला 1 मई को दर्ज हुआ था. 

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इसमें 44 साल की महिला ने कई बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है. पीड़िता जेडीएस की कार्यकर्ता है. तीसरा केस भी रेप का ही है. चौथा केस एक महिला के यौन उत्पीड़न, पीछा करने और धमकी देने के आरोप में दर्ज है. इसमें हासन से पूर्व भाजपा विधायक प्रीतम गौड़ा सहित तीन लोगों का भी नाम है. इन पर यौन उत्पीड़न के दौरान प्रज्वल द्वारा खींची गई तस्वीरों को शेयर करने का आरोप है. 

पुलिस के मुताबिक, "एसआईटी ने प्रज्वल और तीन अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 355ए, 354बी, 354 डी, 506 और आईटी एक्ट की धारा 66 ई के तहत केस दर्ज किया है.'' एसआईटी ने 31 मई को जर्मनी से बंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरने के बाद प्रज्वल रेवन्ना को गिरफ्तार कर लिया था. वो हासन में लोकसभा चुनाव का मतदान समाप्त होने के बाद 27 अप्रैल को जर्मनी भाग गए थे. 

सीबीआई के जरिए एसआईटी इंटरपोल से उनके ठिकाने की जानकारी के लिए 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' जारी कराया था. एक अदालत ने 18 मई को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. दूसरी तरफ अपने ही पार्टी के वर्कर के साथ जबरन समलैंगिक संबंध बनाने के आरोप में उनके छोटे भाई सूरज रेवन्ना भी गिरफ्तार किए गए थे. हालांकि, उनके पिता एचडी रेवन्ना ने साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया था.

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