
क्या देश को ओलंपिक पदक दिलाने वाले सुशील कुमार की साठगांठ कुख्यात अपराधियों के साथ थी? क्या गलत रास्ते पर चल पड़ा था अखाड़े का चैंपियन? क्या रेसलर-क्रिमिनल नेक्सस का हिस्सा है युवा पहलवान सागर धनकड़ की हत्या? सुशील कुमार की गिरफ्तारी के बाद ये तमाम सनसनीखेज सवाल उभरकर सामने आए हैं. सुशील की गिरफ्तारी से दिल्ली के अखाड़ों का वो काला चेहरा सामने आया है, जो अब तक हमारी नजरों से दूर था.
पहलवान सागर धनखड़ मर्डर केस में गिरफ्तार रेसलर सुशील कुमार को लेकर खुलासे सनसनीखेज हैं. गिरफ्तारी के बाद सुशील कुमार की जो कहानियां सामने आ रही हैं, वो खेलों में दिलचस्पी रखने वाले हर खेलप्रेमी को हैरान कर देगी क्योंकि सामने आ रहा है सुशील कुमार का कुख्यात अपराधियों के साथ कनेक्शन.
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सागर, अमित और सोनू की पिटाई करने के लिए सुशील कुमार के साथ दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना के गुर्गे आए थे. इसका मतलब ये हुआ नीरज बवाना के साथ सुशील का कोई कनेक्शन था. 2 साल पहले ही दिल्ली पुलिस ने नीरज बवाना को गिरफ्तार किया था.
बताया जाता है कि नीरज बवाना जेल से अपना गैंग चलाता है. हत्याकांड के बाद मौके से एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी जो नीरज बवाना के मामा के गांव में रहने वाले शख्स की है. ये हैरानी की बात है कि एक ओलंपिक पदक विजेता, जिसने देश-विदेश में पहलवानी के दम पर अपनी पहचान बनाई, पैसे कमाए, यहां तक कि सरकारी नौकरी भी कर रहा था, वो आखिर कैसे अपराधियों के गठजोड़ का हिस्सा बन गया?
इससे आगे का खुलासा सुनेंगे तो आपकी हैरानी और बढ़ जाएगी. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में जमीन कब्जा करने में पहलवानों का इस्तेमाल होता है. पहलवानी का करियर खत्म होने के बाद कई पहलवान इस धंधे में शामिल हुए हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों का यहां तक कहना है कि ब्याज पर पैसे लगाने वाले व्यापारियों के लिए रिकवरी एजेंट का भी काम कई पहलवान करते हैं.
पश्चिमी दिल्ली और आउटर दिल्ली में वसूली करने वाले ऐसे पहलवानों की कुंडली दिल्ली पुलिस खंगाल रही है. ये खुलासा सनसनीखेज है. इस खुलासे से साफ हो रहा है कि कुश्ती जैसे देसी लोकप्रिय खेल पर बदनामी का दाग पोत दिया है और वो भी उस शख्स की वजह से जितने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की कामयाबी के झंडे गाड़े.