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छात्रा को बाल पकड़कर घसीटने के मामले पर NHRC सख्त, तेलंगाना सरकार और DGP को नोटिस

रंगा रेड्डी जिले में छात्रों के एक आंदोलन के दौरान कुछ महिला पुलिसकर्मियों ने एक छात्रा को उसके बालों से पकड़कर घसीटा था और उस की जमकर पिटाई की थी. सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया.

आयोग ने छात्रा के संबंध में पूरी रिपोर्ट भी तलब की है आयोग ने छात्रा के संबंध में पूरी रिपोर्ट भी तलब की है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:27 PM IST

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने तेलंगाना में एक छात्रा के साथ मारपीट करने और उसे बालों घसीटे जाने के मामले में कड़ा रुख अपनाया है. आयोग ने मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए अब तेलंगाना सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा है. महिला पुलिसकर्मियों की इस करतूत पर लोगों में खासा गुस्सा है. उन महिला पुलिसकर्मियों ने एक छात्रा के सरेआमा मारा था और उसे बालों से पकड़ कर घसीटा था.

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यह मामला रंगा रेड्डी जिले का है. जहां छात्रों के एक आंदोलन के दौरान कुछ महिला पुलिसकर्मियों ने एक छात्रा को उसके बालों से घसीटा था और उस की जमकर पिटाई की थी. सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री अगर सच है, तो ये छात्रों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है.

पीटीआई के अनुसार, एक पैनल ने एक बयान में कहा कि एनएचआरसी ने चार सप्ताह के भीतर कथित घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के विवरण सहित एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. एनएचआरसी ने एक वीडियो क्लिप और एक रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें 24 जनवरी को प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (पीजेटीएसएयू) के कुछ छात्रों के आंदोलन के दौरान तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले में एक प्रदर्शनकारी छात्रा को बाल पकड़कर घसीटते हुए दिखाया गया है. 

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एनएचआरसी ने कहा कि यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसके बाद आयोग ने तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने कहा कि इसमें कार्रवाई रिपोर्ट और लड़की की स्वास्थ्य स्थिति भी शामिल होनी चाहिए.

जानकारी के मुताबिक, 25 जनवरी को जारी रिपोर्ट के अनुसार, छात्र नए उच्च न्यायालय परिसर के निर्माण के लिए विश्वविद्यालय की 100 एकड़ जमीन आवंटित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे थे.
 

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