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किराए के घर में हुई मौत, दो साल वहीं पड़ी रही महिला की डेडबॉडी

एक महिला अपने फ्लैट में मरी पड़ी रही, इसके बावजूद मकान मालिक उनसे बराबर किराया लेता रहा. इस मामले की जांच हुई और कोर्ट में सुनवाई हुई तो इस मामले की परत-दर-परत कई कहानियां सामने आईं. महिला की लाश इस साल फरवरी में मिली, जबकि यह अनुमान लगाया गया है कि उनकी मौत अगस्‍त 2019 में हो गई थी.

शीला सेलेव्‍वॉन (फाइल फोटो) शीला सेलेव्‍वॉन (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 25 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:10 AM IST
  • लंदन में सामने आई घटना
  • महिला की लाश इस साल फरवरी में मिली
  • अगस्‍त 2019 में मौत की संभावना जताई गई

एक महिला किराएदार अपने फ्लैट में दो साल से भी अधिक समय तक मरी पड़ी रही, इसके बावजूद मकान मालिक फ्लैट का किराया लेता रहा. इस महिला का कंकाल इस साल फरवरी में पुलिस को घर के अंदर से मिला. महिला की मौत की जांच हुई तो इस मामले का खुलासा हुआ. 

61 साल की शीला सेलेव्‍वॉन लंदन में मौजूद अपने घर में मृत मिली थीं. वह मेडिकल सेक्रेटरी रह चुकी थीं. उनके तीन पड़ोसियों ने उनके गुमशुदा होने की जानकारी साल 2020 में दी थी. हालांकि पुलिस का दावा है कि वो पहले भी शीला को देखने गई थीं, लेकिन हाउसिंग एसोसिएशन के लोगों ने कहा कि वो ठीक हैं. 

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शीला की मौत के मामले जब सुनवाई हुई तो सामने आया कि पड़ोसियों के फोन पर पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद घर से उनका कंकाल मिला. 

साउथवार्क कोरोनर्स कोर्ट (Southwark Coroners Court) को सुनवाई के दौरान बताया गया कि शीला ने आखिरी बार अपने किराए का भुगतान अगस्‍त 2019 में किया था. लेकिन इसके बाद उन्‍होंने अपना किराया नहीं भरा. 

चूंकि, वह अपना किराया नहीं भर रही थीं, ऐसे में एक एप्‍लीकेशन लिखी गई कि उनकी जो 'बेनिफिट' हैं उससे किराये का भुगतान किया जाए. 'मेल ऑनलाइन' की खबर के मुताबिक-यह एप्‍लीकेशन मार्च 2020 में मंजूर कर दी गई. इसके बाद शीला के हाउसिंग एसोसिएशन को लगातार किराया मिलता रहा. हैरानी की बात यह रही कि इस दौरान शीला से किसी ने भी संपर्क नहीं किया. वहीं उनकी गैस सप्‍लाई भी रोक दी गई थी, इसके बावजूद किसी को भी इस बात की भनक तक नहीं लगी कि शीला अब इस दुनिया में नहीं रहीं. 

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डेंटल रिकॉर्ड से की लाश की पहचान 
शीला की लाश की पुलिस ने पहचान उनके डेंटल रिकॉर्ड से की. इस मामले की जांच से जुड़े लोगों को मानना है कि शीला की मौत अगस्‍त 2019 में हो गई थी. क्‍योंकि उनकी फ्रिज से जो सामान मिला, उस पर 'बेस्‍ट-बिफोर डेट' इसी समय के आसपास थी. वहीं इसी महीने से उन्‍होंने हाउसिंग एसोसिएशन पीबॉडी ट्रस्‍ट को किराया नहीं दिया था. उन्‍होंने 14 अगस्‍त 2019 को डॉक्‍टर से मिलने का अप्‍वाइंटमेंट भी लिया था. तब डॉक्‍टर से कहा था कि उन्‍हें घरघराहट होती है और कभी-कभी सांस फूलती है. 

कोर्ट की सुनवाई में सामने आया कि इस अप्‍वाइंटमेंट के लिए नहीं पहुंची थीं. डिटेक्टिव चीफ इंस्‍पेक्‍टर अमांडा मॉवहिन्‍नी ने कहा पीबॉडी ट्रस्‍ट ने अक्‍टूबर 2020 में पुलिस को गलत जानकारी दी थी कि शीला सुरक्षित हैं, तब पुलिस वहां पड़ोसियों की शिकायत के बाद देखने गई थी. 

 

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