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उमेश पाल हत्याकांड: अशरफ से गैर कानूनी मुलाकात कराने वाले दो गिरफ्तार, बरेली जेल में हो रही थी मीटिंग

प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उसके गनर्स की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड ने यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए. इसके बाद से यूपी पुलिस लगातार एक्शन में है. पुलिस ने सोमवार को हत्याकांड में शामिल एक और शूटर को मार गिराया. मंगलवार को दो मददगार को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
संतोष शर्मा
  • बरेली,
  • 07 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 10:37 PM IST

उत्तर प्रदेश की बरेली जेल में मंगलवार को अशरफ से गैर कानूनी तरीके से मुलाकात कराने में मददगार दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बरेली की एसओजी ने बंदी रक्षक शिवहरी अवस्थी के साथ कैंटीन में सामान सप्लाई करने वाले नन्हे उर्फ दयाराम को गिरफ्तार किया है. ये लोग जेल स्टाफ की मदद से अशरफ के साले सद्दाम और उसके साथियों की बिना पर्ची के अशरफ से मुलाकात कराते थे.

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इससे 'आजतक' की खबर पर मुहर लग गई है. आजतक ने पहले ही बताया था कि साबरमती जेल से अतीक की मर्जी के बाद बरेली जेल में बंद अशरफ ने उमेश पाल हत्याकांड के लिए शूटर तय किए थे. इसके लिए बाकायदा बरेली जेल में अशरफ के साथ मीटिंग हो रही थी. 

एक ही आईडी पर 6-7 लोग अशरफ से जेल में मिले 

जानकारी के मुताबिक, लंबे समय से अशरफ का साला सद्दाम बरेली के बारदारी थाना क्षेत्र के फाइक एनक्लेव में मुस्ताक के नाम पर किराए का मकान लेकर रह रहा था. एक हफ्ते में एक ही आईडी पर 6 से 7 व्यक्तियों को अशरफ से मिलवाया जाता था. उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ भी नामजद आरोपी है. मामले में बरेली के भरथरी चैनपुर थाने में जेल चौकी इंचार्ज ने एफआईआर दर्ज करवाई है. 

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जेल से गवाहों की हत्या की रची जा रही है साजिश

इसमें अतीक अहमद के भाई अशरफ, साले सद्दाम, करीबी लल्ला गद्दी के साथ जेल सिपाही शिव हरी अवस्थी, जेल में कैंटीन सप्लायर दयाराम के साथ-साथ जेल के अधिकारी कर्मचारी और अशरफ के अन्य साथी भी आरोपी बनाए गए हैं. चौकी इंचार्ज की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में लिखा गया कि अशरफ जेल से पुलिस अधिकारी, गवाहों की हत्या की साजिश रच रहा है. 

जेल के अफसरों को मिलते थे पैसे और महंगे गिफ्ट

आरोप है कि लल्ला गद्दी और सद्दाम के साथ मुलाकात के समय साजिश रची जाती थी. फोन करके अशरफ गवाहों को धमकी देता था और वसूली करता था. अशरफ को छूट दिए जाने के एवज में जेल के अफसरों को पैसे और महंगे गिफ्ट मिलते थे.

(रिपोर्ट- किशन राज)

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