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Udaipur Killing: कन्हैयालाल पर हमले का हथियार रियाज-गौस ने खुद बनाया था, उसी फैक्ट्री में वीडियो भी शूट किया था

कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों रियाज़ अत्तारी और मोहम्मद गौस ने एसके इंजीनियरिंग वर्क्स में धारदार हथियार बनाए थे. आरोपियों ने हत्याकांड से पहले और बाद में इसी फैक्ट्री में वीडियो भी शूट किया था.

हथियार लहराते दोनों आरोपी हथियार लहराते दोनों आरोपी
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 30 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST
  • एसके इंजीनियरिंग वर्क्स में बना था हथियार
  • इसी फैक्ट्री में बनाया गया था धमकी वाला वीडियो

उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. नुपूर शर्मा के सपोर्ट में ट्वीट पर हुए हत्याकांड के आरोपियों रियाज़ अत्तारी और मोहम्मद गौस ने एसके इंजीनियरिंग वर्क्स में धारदार हथियार बनाए थे. इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल इस जघन्य हत्याकांड में किया गया. आरोपियों ने हत्याकांड से पहले और बाद में इसी फैक्ट्री में वीडियो भी शूट किया था. 

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कन्हैयालाल की हत्या में इस्तेमाल हथियार इसी फैक्ट्री से बरामद किया गया था. इस मामले में पाकिस्तानी एंगल सामने आने के बाद एनआईए मामले की जांच कर रही है. सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसियों को हत्यारों के ISIS के वीडियो से प्रेरित होने का शक है. हत्या से पहले और बाद में भी दोनों आरोपी पाकिस्तान के लोगों के संपर्क में थे. 

कराची में गौस मोहम्मद ने ली थी ट्रेनिंग

एनआईए जल्द ही दोनों आरोपियों को दिल्ली लाएगी और इनके मोबाइल की जांच होगी. जांच एजेंसियों का दावा है कि दोनों में से एक आरोपी गौस मोहम्मद साल 2014-15 में 45 दिन कराची में ट्रेनिंग लेकर आया है. इतना ही नहीं साल 2018-19 में गौस मोहम्मद अरब देशों में गया था. पिछले साल नेपाल में भी इसकी लोकेशन सामने आई. 

ऐसे में आरोपी गौस मोहम्मद का कनेक्शन सीधे  तौर पर पाकिस्तान से जुड़ा है. कन्हैयालाल की हत्या को आतंकी घटना मानते हुए UAPA के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस पूरे मामले की जांच एनआईए के साथ ही आईबी भी कर रही है और रियाज के साथ गौस मोहम्मद की कुंडली खंगाली जा रही है.

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एक और वीडियो डालने का था प्लान

इस बीच एक और खुलासा हुआ है. भाजपा नेत्री नुपूर शर्मा मामले में हत्या की धमकी और हत्या का वीडियो आरोपी गौस मोहम्मद ने डाला था. हत्या के बाद उदयपुर से अजमेर भाग रहे दोनों आरोपी अजमेर में एक और वीडियो बनाकर डालना चाह रहे थे. वीडियो बनाने का आइडिया पाकिस्तानी हैंडलर ने दिया था ताकि ज़्यादा दहशत फैले.

रियाज की बाइक का नंबर 2611

दावत-ए-इस्लामी से जुड़ा गौस अल्लाह के बंदे, लब्बो या रसूलुल्लाह जैसे कई व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर हज़ारों लोगों को जोड़ रखा था. उसने अपने यह वीडियो इन्हीं ग्रुपों में डाला था. वारदात के बाद गौस, रियाज़ के मोटरसाइकिल से भाग रहा था, जिसका नंबर 2611 है, जो मुंबई हमले की तारीख है. इस पर किसी सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान नहीं गया है.

हत्या के वक्त स्टार्ट रखी गई थी बाइक

हमला करने के दौरान बाईक 70 मीटर दूर स्टार्ट रखी गई थी. वहां से ये भागकर देवगढ़ मोटर गैराज पर पहुंचे, जहां 6 महीने पहले रियाज काम करता था. मगर उसने पनाह नहीं दी और किसी ने देवगढ़ पुलिस को इनकी सूचना दे दी. इन्हें भनक मिल गई तो सड़क का रास्ता छोड़ गांवों के रास्ते भीम पहुंचे, जहां का गौस रहने वाला है.

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बेटे बोले- पुलिस ने कार्रवाई की होती तो स्थिति कुछ और होती

इस बीच मृतक कन्हैया लाल के बेटे तरुण ने कहा कि हम हत्यारोपियों को नहीं जानते हैं, वह हमारे लिए अंजान हैं, हमने उन्हें सिर्फ टीवी पर देखा था. बेटे ने कहा कि एक फोटो फेसबुक पर शेयर की गई थी, इसके बाद हमारी दुकान के सामने दुकान लगाने वाले शख्स ने धमकी दी, जिसकी हमने शिकायत की थी, जिसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह छूट गया था.

मृतक कन्हैया लाल के बेटे तरुण ने कहा, 'पुलिसवाला का कहना था कि सुरक्षा कारणों से इसे बंद कर दें, हमने 6 दिन तक दुकान बंद रखी. मेरे पिता को धमकी भरे कॉल आ रहे थे. पुलिस अगर समय पर कार्रवाई करती तो स्थिति कुछ और होती. अगर पुलिस एक दिन के लिए खड़ी होती तो हालात कुछ और होते.' दूसरे बेटे अरुण ने कहा कि मेरे पिता इकलौत कमाने वाले थे.

 

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