
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को गुरुवार को अज्ञात व्यक्ति द्वारा फ़ोन पर धमकी देने और गाली-गलौज करने की खबर है. जिसके चलते केंद्रीय मंत्री ने पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है. सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि यह हरकत चिराग पासवान के समर्थक ने की है. जिसमें उसने केंद्रीय मंत्री को फ़ोन पर धमकी दी और गाली-गलौज की.
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने कहा कि जो लोग हमें धमकी में दे रहे हैं उस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा भी बढ़ाई जाए. पशुपति पारस ने कहा कि इस सब के पीछे राजनीतिक साजिश है.
मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि हमारी लोक प्रियता को देखते हुए हमारे ऊपर इस तरीके से हमले किये जा रहे हैं. इस बात को लेकर के हम ने केंद्रीय गृह मंत्री और राज्य के चीफ मिनिस्टर को पत्र लिख रहे है, कि जो धमकी मिल रही है उसकी जांच हो. मुझे अभी Y श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है, ऐसे में सुरक्षा की आगे समुचित व्यवस्था हो.
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस खेमे के नेता केशव सिंह ने चिराग पासवान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि उनसे उनकी जान को खतरा है. केशव सिंह ने चिराग पासवान और सौरभ पांडे समेत चार अन्य नेताओं के खिलाफ जान का खतरा बताते हुए पटना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
पशुपति पारस के साथ यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले पशुपति पारस पर दो दिन पहले सोमवार को हाजीपुर में एक महिला ने स्याही फेंक दी थी. उन पर यह हमला तब हुआ जब वह केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार हाजीपुर पहुंचे थे. पारस हाजीपुर में आभार यात्रा निकाल रहे थे. उन पर स्याही फेंकने वाली महिला को उनके भतीजे चिराग पासवान का समर्थक बताया जा रहा है. स्याही फेंके जाने के बाद पशुपति को कपड़े बदलने पड़ गए.
गौरतलब है कि पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच एलजेपी के वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. जून महीने में पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच विवाद खड़ा होने के बाद पारस को पार्टी का संसदीय दल का नेता चुन लिया गया था. इसके बाद, चिराग ने अपने चाचा पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि पार्टी संगठन से बनती है, सांसद-विधायक तो आते-जाते रहते हैं.
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