
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 17 हो गया है, जबकि 12 लोग अब भीअस्पताल में भर्ती हैं. बताया जा रहा है कि मरने वालों में अलीगढ़ एचपी गैस प्लांट के ट्रक ड्राइवर भी शामिल हैं. इसके अलावा लोधा क्षेत्र के करसुआ, निमाना, हैवतपुर, अंडला गांव के ग्रामीणों की भी मौत हुई है. अभी कई लोगों की हालत गंभीर है. उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है.
इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए हैं. उन्होंने अलीगढ़ के अधिकारियों से बात करके पीड़ितों की मदद करने का निर्देश दिया. साथ ही आरोपियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि अगर सरकारी ठेके से शराब खरीदी गई थी तो उसे सीज किया जाए और दोषियों की संपत्ति भी कुर्क की जाए.
इस बीच अलीगढ़ के गांवों में जहरीली शराब से मौत के बाद दहशत का माहौल है. इसके साथ ही लोगों में गुस्सा भी है. अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि शुक्रवार सुबह 7 लोगों की मौत हुई है, जबकि चार लोगों की मौत अस्पताल में हो चुकी है.
वहीं अब सीएम योगी के निर्देश के बाद आबकारी विभाग की कार्यवाही शुरू हो गई है. अलीगढ़ मामले में आबकारी विभाग ने अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. जिला आबकारी अधिकारी अलीगढ़ धीरज शर्मा, आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-3 राजेश कुमार यादव और प्रधान आबकारी सिपाही क्षेत्र-3 अशोक कुमार को सस्पेंड किया गया है.
क्या है पूरा मामला
अलीगढ़ के थाना लोधा क्षेत्र के अंतर्गत गांव करसुआ में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया है कि मरने वालों ने गांव ही ठेके से शराब खरीद कर पी थी. मरने वालों में दो करसुआ में स्थित एचपी गैस बॉटलिंग प्लांट के ड्राइवर हैं. मौके पर अफसर पहुंच गए हैं और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने देसी शराब के ठेके को सील करा दिया है. साथ ही शराब के सैंपल लिए जा रहे हैं. जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि लोगों की मौत कैसे हुई? क्या ठेके पर नकली शराब बेची जा रही? इस बीच ग्रामीण गुस्से में हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.