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फर्जी दस्तावेजों से विदेश जा रहे 8 बांग्लादेशी समेत 9 लोगों को यूपी ATS ने किया गिरफ्तार

यूपी एटीएस (UP ATS) ने फर्जी दस्तावेजों से विदेश जा रहे आठ बांग्लादेशी नागरिक समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. आठ लोगों को विदेश भेजने वाले सरगना महफूज उर रहमान को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है.

8 बांग्लादेशी समेत 9 को यूपी एटीएस ने किया गिरफ्तार 8 बांग्लादेशी समेत 9 को यूपी एटीएस ने किया गिरफ्तार
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 14 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:13 AM IST
  • विदेश भेजने वाले सरगना को कोलकाता से गिरफ्तार किया  
  • बांग्लादेशी नागरिक कानपुर के रास्ते दिल्ली जा रहे थे

यूपी एटीएस ने फर्जी दस्तावेजों से विदेश जा रहे आठ बांग्लादेशी नागरिक समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. एटीएस ने 8 लोगों को विदेश भेजने वाले सरगना महफूज उर रहमान को कोलकाता से गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सभी आठ बांग्लादेशी नागरिक कानपुर के रास्ते दिल्ली जा रहे थे, जहां से उनको दुबई भेजा जाना था. उससे पहले ही यूपी एटीएस ने कानपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया.

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बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों से मानव तस्करी कर लंदन, अफ्रीका व खाड़ी देशों में भेजने वालों पर यूपी एटीएस की कार्रवाई लगातार जारी है. यूपी एटीएस ने सोमवार को कानपुर और कोलकाता से इस रैकेट में शामिल 9 लोगों को गिरफ्तार किया. यूपी एटीएस अब तक मानव तस्करी के इस रैकेट में 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

अब म्यांमार और बांग्लादेश के नागरिकों को पश्चिम बंगाल में फर्जी दस्तावेज से भारतीय नागरिकता देकर विदेश भेजने वाला महफूज उर रहमान को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है. यूपी एटीएस की एक अन्य टीम ने महफूज उर रहमान के द्वारा आठ अन्य बांग्लादेशी नागरिकों को, जो फर्जी दस्तावेजों से भारतीय नागरिक बनकर दुबई जा रहे थे, कानपुर रेलवे स्टेशन से पकड़ा है.

मुख्य सरगना 2010 में अवैध रूप से बॉर्डर पार कर आया भारत! 

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बताया जा रहा है कि मुख्य सरगना महफूज उर रहमान खुद भी 2010 में अवैध रूप से बॉर्डर पार कर भारत आया और पश्चिम बंगाल में रहने लगा. जहां से उसने फर्जी भारतीय पहचान पत्र तैयार किए. इसके बाद 2013 में दुबई चला गया था. दुबई से पश्चिम बंगाल लौटने के बाद उसने खुद बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से बॉर्डर पार कराकर फर्जी दस्तावेजों से विदेश भेजने का काम शुरू कर दिया. महफ़ूज़ उर रहमान अपने पश्चिम बंगाल के ठिकाने पर बॉर्डर पार कर आए बांग्लादेशियों को ट्रेनिंग देता था. हिंदी बोलने और लिखने के साथ-साथ उनके नए नाम के साथ जीवन यापन करना भी सिखाता था, ताकि एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन में या किसी अन्य पूछताछ में पकड़े न जाएं. 

सरगना के पाकिस्तान से भी जुड़े हैं तार!

पकड़े गए महफूज उर रहमान का पाकिस्तान से भी कनेक्शन सामने आया है. महफूज उर रहमान बांग्लादेश के एक प्रतिबंधित संगठन के नेटवर्क में भी शामिल है, जिस पर यूपी एटीएस काम कर रही है. आईजी एटीएस जीके गोस्वामी की मानें तो साउथ अफ्रीका से लेकर लंदन और खाड़ी देशों में इन बांग्लादेशी नागरिकों को नौकरी दिलाने वाले भी एटीएस के रडार पर हैं. एक नागरिक को 2 लाख से 7 लाख में विदेश भेजने के इस पूरे धंधे के कई नेटवर्क हैं. पकड़े गए सभी आरोपियों के फर्जी दस्तावेज पश्चिम बंगाल के पते पर तैयार हुए हैं. एटीएस आईजी की मानें तो जांच के दौरान इस पूरे रैकेट में एक सदस्य के खाते में 5 करोड़ रुपये तक मिले हैं. 

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उन्होंने कहा कि पैसे के इतने बड़े लेन-देन के चलते ही इसमें एयरपोर्ट के इमीग्रेशन पर तैनात कर्मचारी भी शामिल मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है. एयरपोर्ट के कर्मचारी इमीग्रेशन पर भाषाई आधार पर यह बांग्लादेशी नागरिक न फंसें, इसमें मदद करते थे. जिसके एवज में 50,000 प्रति व्यक्ति मिलता था. फिलहाल जीके गोस्वामी का दावा है कि अभी इस रैकेट में कुछ महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां होंगी.

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