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UP: फर्जी कैप्टन और डिप्टी एसपी बनकर ठगने वाले को STF ने धरा

आनंद से पूछताछ में पता चला कि उसने 2008 में आर्मी में सिपाही की भर्ती के लिए प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हुआ. फिर उसने बेरोजगार युवकों को आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने की योजना बनाई. योजना के मुताबिक पहले आर्मी कैप्टन की वर्दी बनवाई, फिर लोगों को विश्वास दिलाया कि वह आर्मी में कैप्टन है.

फर्जी भर्ती के नाम ठगने वाला राजवीर सिंह गिरफ्तार फर्जी भर्ती के नाम ठगने वाला राजवीर सिंह गिरफ्तार
तनसीम हैदर
  • वाराणसी ,
  • 09 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST
  • आरोपी के पास से 2 फोन, एडमिट कार्ड, आर्मी की वर्दी बरामद
  • थाना कैंट के पास से पकड़ा गया आरोपी
  • मिलिट्री कैंटीन से सामान निकलवाने के नाम पर भी करता था ठगी

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीफ) ने फर्जी आर्मी कैप्टन और डिप्टी एसपी बनकर लोगों के साथ ठगी करने के आरोपी राजवीर सिंह उर्फ आनंद कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. यही नहीं आरोपी ने करीब कुछ साल पहले ओएलएक्स पर एक फोन बेचने के नाम पर लड़की से ठगी की और फिर झूठ बोलकर उसके साथ शादी कर ली.

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गिरफ्तार शख्स का नाम आनंद कुमार है और वह वाराणसी का रहने वाला है. आनंद के पास से पुलिस ने 2 मोबाइल फोन, आर्मी की भर्ती के 3 एडमिट कार्ड और आर्मी की वर्दी बरामद की है. पिछले कुछ दिनों से वाराणसी और इसके आस-पास के जिलों में आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर एक गिरोह के सक्रिय होने की इनपुट 'मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) वाराणसी को मिली थी.

मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स की वाराणसी यूनिट को सौंपी गई थी. एसटीएफ की टीम को जांच में पता चला कि राजवीर सिंह उर्फ आनंद कुमार नाम का व्यक्ति जो अपने को आर्मी का कैप्टन बताता था और आर्मी में भर्ती कराने तथा आर्मी कैंटीन में सामान निकलवाने के नाम पर ठगी करता था. वह ओएलएक्स के माध्यम से सामान बेचने के बहाने से लोगों को विश्वास दिलाने के लिए वह आर्मी की वर्दी पहन कर कैप्टन के रूप में अपनी जान पहचान बढ़ाता था.

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सूचना मिलने पर हुई गिरफ्तारी

स्पेशल टास्क फोर्स को विश्वस्त सूत्रों से पता चला कि आर्मी में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाला राजवीर सिंह कैप्टन की वर्दी में थाना कैंट इलाके के सेंट मेरी स्कूल के पास खड़ा है और कुछ लड़कों को आर्मी में भर्ती के नाम पर उन्हें बुलाया है. यदि शीघ्रता की जाए तो पकड़ा जा सकता है. सूचना मिलते ही स्पेशल टास्क फोर्स के इंस्पेक्टर अनिल सिंह ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापा मारा और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार राजवीर के पास से बरामद चीजें (फोटो-तनसीम)

गिरफ्तार आनंद से पूछताछ में पता चला कि उसने 2008 में आर्मी में सिपाही की भर्ती के लिए प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हुआ. फिर उसने बेरोजगार युवकों को आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने की योजना बनाई. इसके द्वारा अपनी योजना के मुताबिक पहले आर्मी कैप्टन की वर्दी बनवाई, फिर अपने आस-पास के लोगों को विश्वास दिलाया कि वह आर्मी में कैप्टन है. इसके बाद राजवीर सिंह की अमरनाथ यादव से मुलाकात हुई और खुद को कैप्टन बताते हुए आर्मी में भर्ती कराने की बात कही.

उसने अमरनाथ यादव और अन्य अभ्यर्थियों को विश्वास दिलाने के लिए आर्मी कैप्टन की वर्दी पहन कर अमरनाथ के घर पर मुलाकात की और आर्मी में भर्ती के नाम पर 7 लोगों से 14 लाख रुपये की ठगी कर ली. इनके अतिरिक्त राजवीर सिंह ने सुधाकर वर्मा, रजनीश और दिव्या से 10 लाख रुपये आर्मी में भर्ती के नाम पर ले लिया.

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खुद को डिप्टी एसपी भी बताया

राजवीर सिंह ने अजय कुमार से 1.50 लाख रुपये की ठगी मिलिट्री कैंटीन से सामान निकलवाने के नाम पर भी की थी. बाद में इसकी पत्नी और आस-पास के लोगों को उसके फर्जी आर्मी कैप्टन होने का संदेह होने लगा. इसी दौरान पिछले साल पीसीएस-2017 का परिणाम आया था, जिसमें आनंद कुमार निवासी लंका, वाराणसी नामक व्यक्ति की 62वीं रैंक आई. और उनका सलेक्शन डिप्टी एसपी के पद पर हुआ था. 

इसकी जानकारी होने पर राजवीर सिंह उर्फ आनंद कुमार ने अपने नाम का फायदा उठाकर समाचार पत्र के कार्यालय में जाकर अपना फोटो और पता देकर समाचार छपवाया कि उसका डिप्टी एसपी के पद पर नियुक्ति हुई है. इसके उपरान्त यह आर्मी कैप्टन और डिप्टी एसपी के रूप में ठगी करने का प्रयास करने लगा.

इस आरोपी ने साल 2015 में ओएलएक्स ऐप पर आर्मी का लोगो लगाकर अपनी आईडी बनाई और अपना एक मोबाइल बेचने के लिए ओएलएक्स पर डाल दिया. इस मोबाइल को खरीदने के लिए एक लड़की द्वारा रिक्वेस्ट भेजा गया. जिस पर राजवीर सिंह ने उसको सिगरा के पास बाटा शू के शोरूम पर बुलाया और वहां आर्मी कैप्टन की वर्दी में उस लड़की से मिला और अपनी नियुक्ति 39 जीटीसी कैंटोमेंट वाराणसी मे होना और मूल निवासी हैदराबाद का बताया.

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इसके बाद दोनों में जान-पहचान हुई और बाद में राजवीर सिंह ने उसको धोखे में रखकर उससे शादी कर ली. धोखे की बात संज्ञान में आने पर उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

 

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