Advertisement

UP: मेडिकल कॉलेज में फर्जी दाखिला दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार

एसटीएफ ने सौरभ कुमार, लखनऊ के इंदिरा नगर में रहने वाले डॉक्टर अजिताभ मिश्रा और अमेठी के विकास सोनी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके कब्जे से 3 लैपटॉप, 30 मोबाइल फोन और 2 हार्ड डिस्क बरामद किए हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
तनसीम हैदर
  • लखनऊ ,
  • 07 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 12:31 AM IST
  • नीट परीक्षा देने वाले करीब 26 लाख छात्रों का डेटा भी बरामद
  • पुलिस ने 3 लैपटॉप, 30 मोबाइल और 2 हार्ड डिस्क जब्त किया
  • छात्रों का डेटा कहां से मिला इस संबंध में भी जांच की जा रही है

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एमबीबीएस और मेडिकल पीजी में दाखिला दिलाने का लालच देकर देशभर में करीब 15 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित 3 आरोपियों को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. नीट परीक्षा देने वाले करीब 26 लाख छात्रों का अवैध डेटा भी बरामद किया गया है.

एसटीएफ ने सौरभ कुमार, लखनऊ के इंदिरा नगर में रहने वाले डॉक्टर अजिताभ मिश्रा और अमेठी के विकास सोनी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके कब्जे से 3 लैपटॉप, 30 मोबाइल फोन और 2 हार्ड डिस्क बरामद किए हैं.

Advertisement

एसटीएफ टीम को काफी समय से ठगी करने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही थीं. एसटीएफ की टीम लगातार इस नेटवर्क को तोड़ने में लगी हुई थी. इस दौरान एसटीफ को पता चला कि राइज ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर सौरभ गुप्ता द्वारा पूर्व में लखनऊ के विराट खंड में ऑफिस खोलकर कुछ मेडिकल कॉलेजों के स्टाफ के साथ मिलकर एमबीबीएस और मेडिकल पीजी में दाखिला दिलाने का प्रलोभन देकर करोड़ों रुपयों की ठगी करने के बाद वहां से ऑफिस बंद कर अपना एक ऑफिस गोमती नगर के विजयंत खंड से संचालित कर रहा है.

6 लाख रुपये सर्विस चार्ज 

गोमती नगर से भी वह इसी प्रकार की ठगी का काम कर रहा था. यह नीट की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों का डेटा अवैध रूप से प्राप्त कर अपने ऑफिस से उनको कॉल कराकर अपने ऑफिस बुलाता था. यहां पर अपनी कंपनी के जनरल मैनेजर के साथ मिलकर एमबीबीएस और मेडिकल पीजी दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों तथा उनके परिजनों से धोखे से लोन एग्रीमेंट साइन करा लेता था. और फिर सर्विस चार्ज के रूप में 5-6 लाख रुपया लेता था.

Advertisement
पकड़े गए तीनों आरोपी (फोटो-तनसीम हैदर)

इसके बाद छात्रों को कॉलेज के स्टाफ की मदद से कॉलेज में काउंसिलिंग कराने के नाम पर ले जाकर विश्वास दिलाकर फिर से रुपयों की ठगी करता था. जब और कुछ समय बाद छात्रों का दाखिला नहीं होता और कॉल करके अपना रुपया वापस मांगते, तो पहले तो यह कह कर डराता था कि यदि उसने शिकायत की तो पुलिस आप को भी पकड़ेगी क्योंकि आपने दाखिला कराने के लिए रिश्वत दी है. आपका करियर खराब हो जाएगा. इसके अतिरिक्त कंपनी के नंबर कुछ समय बाद बंद कर देता था, और फिर नया नंबर ले लिया करता था.

पटना बिहार निवासी कुमार शैलेंद्र मणि से उनकी पुत्री के एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर 6 लाख रुपये की ठगी होने के मामले में शैलेंद्र द्वारा थाना विभूति खंड पुलिस कमिश्नरेट में मुकदमा दर्ज कराया गया.

करोड़ों रुपये की ठगी

साइबर काइम टीम एसटीएफ ने गैंग के सरगना सौरभ गुप्ता (डायरेक्टर, राइज ग्रुप), डॉक्टर अमिताभ मिश्रा (डायरेक्टर, यूनिवर्सल कन्सेल्टिंग सर्विसेज) और विकास सोनी (जनरल मैनेजर, राइज ग्रुप) को गिरफ्तार कर लिया.

पकड़े गए डॉक्टर अजिताभ मिश्रा ने बताया कि साल 2007 में मुजफ्फरपुर से बीएएमएस की डिग्री लेने के बाद उसने 2008 में अपनी खुद की कंपनी बना ली. साल 2016 में जब मेडिकल विभाग में नीट की परीक्षा प्रारम्भ हुई तो टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज लखनऊ में एडमिशन एडवाइजर रहा. फिर 2019 में केएम मेडिकल कॉलेज, मथुरा में एडमिशन डायरेक्टर रहा. साल 2020 में मैंने सुल्तानपुर से डॉक्टर डीएस मिश्रा से 90 लाख में पीजी एडमिशन के लिए, कर्नाटक के शशिधर से 80 लाख रुपये और बेंगलुरू के संदीप से 65 लाख रुपये आदि से करीब 2 करोड़ रुपये हाल ही में ठगे हैं. इसके अतिरिक्त दोनों ने बताया कि पिछले कई सालों में हमने कई लोगों से कई करोड़ की ठगी की है.

Advertisement

इस गिरोह का जाल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में फैला हुआ है. गिरफ्तार अभियुक्त की अन्य आपराधिक गतिविधियों के संबंध में जानकारी हासिल की जा रही है. प्राप्त डेटा का फॉरेंसिक ऑडिट कराया जाएगा. डेटा कहां से मिला इस संबंध में भी जांच की जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस गैंग द्वारा करीब 15 करोड़ रुपये की ठगी की जा चुकी है.


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement