
उपहार अग्निकांड मामले में मुख्य अभियुक्त सुशील और गोपाल अंसल को सबूतों से छेड़छाड़ के जुर्म में 7-7 साल कैद की सजा सुनाई गई है. सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में अंसल बंधुओ को पटियाला हाउस अदालत ने 7-7 साल की सजा के साथ सवा दो दो करोड़ रुपये जुर्माना भी लगाया है.
दरअसल, 8 अक्टूबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने सुशील और गोपाल अंसल बंधुओं समेत पांच लोगों को उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में साक्ष्यों से छेड़छाड़ का दोषी करार दिया था.
इस मामले में कोर्ट ने अंसल बंधुओ के साथ कोर्ट के एक पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा एवं पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी दोषी करार दिया था. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज की गई थी, जिसमें IPC की धारा 120-बी,109,201 और 409 के तहत अपराध करने का मामला दर्ज किया गया था.
बता दें कि 13 जून 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमाहॉल में हिन्दी फिल्म बॉर्डर के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी. उस अग्निकांड में सिनेमा हॉल में फंसकर 59 दर्शकों की मौत हो गई थी.
जांच में पता चला कि सिनेमा हॉल में अतिरिक्त सीटें लगाकर आने जाने का रास्ता संकरा कर दिया गया था.मामले की सुनवाई के दौरान अंसल बंधुओं पर याचिकाकर्ताओं को धमकाने और कोर्ट स्टाफ से सांठगांठ कर कोर्ट की फाइलों से छेड़छाड़ की गई. फाइलों से पन्ने फाड़कर गायब किए गए. कोर्ट में यह मामला उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (AVUT) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दाखिल किया था.