
महाराष्ट्र के नवी मुंबई के उरण में हुई 20 वर्षीय एक लड़की के हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. आरोपी मृतक लड़की का पूर्व परिचित है. उसने उसकी इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि वो उसके साथ बंगलुरु नहीं जाना चाहती थी. वो अपनी निजी स्वीरें आरोपी के मोबाइल से डिलीट कराना चाहती थी. पुलिस ने 23 वर्षीय आरोपी दाऊद शेख को मंगलवार सुबह कर्नाटक के गुलबर्गा से गिरफ्तार किया था.
इससे पहले दिन में रायगढ़ जिले की एक अदालत ने आरोपी दाऊद शेख को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप लगाए हैं. जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी 23 जुलाई को कर्नाटक से उरण गया था. उसके अगले दिन वो नवी मुंबई के जुईनगर रेलवे स्टेशन पर पीड़िता से मिला था.
पुलिस के मुताबिक, 25 जुलाई को पीड़िता और आरोपी के तस्वीरों को लेकर झगड़ा हुआ था. कुछ दिन तस्वीरें लड़की ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की थी, जिसे आरोपी ने डिलीट कर दिया. वो नहीं चाहता था कि उनका रिश्ता जगजाहिर हो. इसके बाद पीड़िता ने उससे अपनी सारी निजी तस्वीरें डिलीट करने के लिए कहा, जो उसके मोबाइल में मौजूद थी. लेकिन आरोपी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
आरोपी दाऊद शेख ने लड़की से कहा कि वो उसके पास बंगलुरु आ जाए, लेकिन उसने मना कर दिया. इससे नाराज होकर वो बंगलुरु से नवी मुंबई आया. उसके पास चाकू पहले से मौजूद था. उसने उसी चाकू से पीड़िता की हत्या कर दी और वहां से फरार हो गया. पीड़िता का शव 27 जुलाई की सुबह मिला, जब उसके माता-पिता ने 25 जुलाई को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी.
हत्या के बाद दाऊद शेख ने बंगलुरु में अपने दोस्त से संपर्क किया और उसे अपने खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा. उसने पनवेल में एक एटीएम कियोस्क से पैसे निकाले और कर्नाटक भाग गया. साल 2019 में पीड़िता के पिता ने अपनी बेटी को परेशान करने के आरोप में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उस वक्त उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया था.
कुछ समय बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया. इसके बाद वो एक दुर्घटना में घायल हो गया. कुछ समय तक बिस्तर पर पड़ा रहा. इसी दौरान उसने पीड़िता से फिर से संपर्क स्थापित किया. ठीक होने के बाद कर्नाटक चला गया. वहां उसे ड्राइवर की नौकरी मिल गई. इस दौरान भी वो पीड़िता के संपर्क में लगातार बना रहा. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले में कोई धार्मिक पहलू नहीं है. पुलिस एक मजबूत केस तैयार कर रही है.