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उत्तर प्रदेशः शव से लिपटकर रातभर रोता रहा छोटा भाई, सुबह दोनों का साथ हुआ अंतिम संस्कार

भाई का शव गांव आते ही दुखी भाई ने भी प्राण त्याग दिए. दोनों शवों का एक साथ अंतिम संस्कार करने के बाद स्वजनों पर तो दुख का पहाड़ टूट गया, वहीं पूरे गांव में भी शोक की लहर है.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
नाह‍िद अंसारी
  • हमीरपुर,
  • 15 मई 2021,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST
  • सुबह करीब 6 बजे चली गई छोटे भाई की जान
  • रिटायर्ड शिक्षक को अस्पताल में भर्ती कराया गया
  • बड़े भाई की कोरोना की वजह से हुई थी मौत

यूपी के बुंदेलखंड में दो भाइयों के अमर प्रेम की दिल दहला देने वाली दास्तान सामने आयी है. यहां पर एक भाई की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई. मौत के बाद जब शव घर आया तो छोटा भाई शव से लिपट कर रोता रहा. बाद में छोटे भाई की भी मौत हो गयी. फिर एक साथ दोनों भाइयों की आर्थियां उठी तो पूरा गांव रो दिया.

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हमीरपुर जिले में यह खबर आग की तरह फैली हुई है और हर कोई दोनों भाइयों के इस प्रेम की दुहाई देता नजर आ रहा है. भाई का शव गांव आते ही दुखी भाई ने भी प्राण त्याग दिए. दोनों शवों का एक साथ अंतिम संस्कार करने के बाद स्वजनों पर तो दुख का पहाड़ टूट गया, वहीं पूरे गांव में भी शोक की लहर दौड़ गयी.

हमीरपुर जिले के मुस्करा थाना क्षेत्र के गांव खड़ेही लोधन निवासी रिटायर्ड शिक्षक रामगोपाल वर्मा को बीते 4 दिनों से बुखार और खांसी आ रही थी. जिसके इलाज के लिए उनके परिजन राठ के किसी अस्पताल में ले गए जहां हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने झांसी ले जाने की बात कही तो उन्हें इलाज के लिए वहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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हलांकि बीती शाम इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. मौत होने के बाद देर रात शव गांव आते ही घटना की जानकारी मृतक के छोटे भाई नृपत वर्मा को लगी. वह बड़े भाई की मौत का गम सहन नहीं कर सके. बड़े भाई के शव से लिपट कर छोटा भाई इतना रोया की सुबह लगभग 6 बजे उसकी भी मौत हो गई.

अलग-अलग रहते थे दोनों भाई

दोनों भाइयों की आर्थियां एक साथ उठी और एक साथ दोनों भाइयों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया. एक साथ दो भाइयों की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. वहीं पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गयी है. हर कोई दोनों भाइयों के अमर प्रेम की दास्तान सुना रहा है. 

दोनों भाई अपने-अपने परिवारों के साथ अलग-अलग रहते थे, पर दोनों भाइयो में प्रेम इतना था कि दोनों भाई भोजन भी एक ही समय पर किया करते थे. घर पर होते तो एक साथ ही भोजन करते थे. सदैव साथ जीने, मरने की बातें करते थे और उनकी यह बात सच साबित हुई. दोनों जीवन भर साथ रहे और एक साथ मरे भी. यहां तक कि दोनों का शवदाह भी एक साथ हुआ.

 

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