
उत्तर प्रदेश के मेरठ की एक अदालत ने बुधवार एक लड़की को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में शादाब को 10 साल कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उसके ऊपर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. शादाब लड़की के पिता के घर पर ही काम करता था. इस दौरान उसने लड़की के आपत्तिजनक फोटो खींच लिए थे और इन फोटो को उसने उसके होने वाले पति को भेज दिए. इससे उसका रिश्ता टूट गया था. जिससे तंग आकर लड़की ने आत्महत्या कर ली थी.
सरकारी वकील मुकेश कुमार मित्तल ने बताया कि वीरू गुप्ता की बेटी ने 31 दिसंबर 2017 को आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद 2 जनवरी 2018 को वीरू ने इंचौली थाने में शादाब नाम के शख्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. वीरू ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी की जल्द ही शादी होने वाली थी. उसका रिश्ता भी हो गया था. लेकिन उनके यहां काम करने वाले शादाब ने उनकी बेटी के आपत्तिजनक फोटो खींच लिए थे. इन फोटो को उसने वहां भेज दिया, जहां लड़की का रिश्ता तय हुआ था. इससे उनकी बेटी का रिश्ता टूट गया और उसने आत्महत्या कर ली. इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद बुधवार को मेरठ की अपर जिला अदालत ने आज शादाब को सजा सुनाई. शादाब को 10 साल की कैद और 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मेरठ के लावड़ इलाके में रहने वाले वीरू गुप्ता अपाहिज हैं. इसलिए उन्होंने काम में हाथ बंटाने के लिए अपने ही गांव के शादाब को अपने साथ साथ काम पर रख लिया. लेकिन शादाब की नीयत सही नहीं थी. उसने उनकी बेटी के आपत्तिजनक फोटो खींच लिए. इस बात पर वीरू ने शादाब को काम से निकाल दिया. उसके बाद उन्होंने अपनी बेटी का रिश्ता कर दिया. लेकिन शादाब ने लड़की के फोटो उसके होने वाले पति को भेज दिया, जिससे उसका रिश्ता टूट गया. इससे दुखी होकर लड़की ने आत्महत्या कर ली.