
कन्नड अभिनेत्री रान्या राव दुबई से 14 किलो सोने की स्मगलिंग करते हुए पकड़ी गई. केरल के राजनीतिक गलियारों में ऊंची पहुंच रखने वाली स्वपना सुरेश पर भी UAE से सोने की तस्करी के आरोप लगे. आए दिन हम खबरें देखते सुनते पढ़ते हैं कि दुबई से सोने की तस्करी का खेप पकड़ा गया. सवाल है कि दुबई या UAE या फिर गल्फ देशों से ही भारत में सोने की तस्करी क्यों होती है?
क्या दुबई में भारत के मुकाबले सोना सस्ता बिकता है? अगर सस्ता बिकता है तो कितना सस्ता है. प्रश्न यह भी है कि दुबई में आखिर सोना सस्ता क्यों बिकता है?
अगर सरल शब्दों में कहें तो भारत के मुकाबले दुबई में सोने की कीमतों का कम होना ही वहां से भारत में गोल्ड की तस्करी का मुख्य कारण है.
आइए समझते हैं कि भारत और दुबई में सोने की कीमतों में कितना अंतर है और ये अंतर क्यों है?
भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत आजकल आसपास ₹87,000 से ₹88,000 प्रति 10 ग्राम तक है. (स्थानीय बाजार और शहर के आधार पर थोड़ा बदलाव हो सकता है).
दुबई में सस्ता है भारत की अपेक्षा सोना
इस कीमत में 15% आयात शुल्क (10% बेसिक कस्टम ड्यूटी + 5% GST) भी शामिल है. इसके अलावा, ज्वैलर्स का मेकिंग चार्ज और अन्य स्थानीय कर भी जुड़ते हैं. भारत में गोल्ड बार पर मेकिंग चार्ज 5 प्रतिशत से शुरू होकर 25 से 28 फीसदी तक लगता है. इस तरह से सोने की छड़ या सोने की ज्वैलरी की कीमतें अभी के वैल्यू के हिसाब से एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच जाती है.
ध्यान रखें कि सोने की कीमतें रोजाना बदलती है और इसलिए ये गणित 500 या 1000 रुपये रोजाना बदल सकता है.
भारत में सोने की कीमतों की तुलना दुबई से करें तो वहां सोना यहां के मुकाबले सस्ता रहा है. दुबई में आजकल 10 ग्राम सोने की कीमतें 82 हजार रुपये के आस पास है. पश्चिम एशिया का संकट, यूक्रेन वॉर, कच्चे तेल की कीमतें, शेयर बाजार में उतार चढ़ाव और डॉलर के मूल्य में बदलाव की वजह से सोना की कीमतें बदलती रहती है. पर अमूमन भारत के मुकाबले दुबई में सोना कम कीमत में बिकता है.
पिछले तीन महीनों में UAE में सोने की कीमतें भारत की तुलना में औसतन 2,000 से 4,000 रुपये प्रति 10 ग्राम कम रही हैं. यह अंतर मुख्य रूप से भारत के 15% आयात शुल्क और GST के कारण है, जबकि UAE में सोना टैक्स-फ्री या न्यूनतम 5% वैट के साथ मिलता है. क्योंकि यहाँ कोई वैट या आयात शुल्क नहीं है.
गौरतलब है कि तेल के मामले में धनी UAE सोने की खरीद पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाता है. इसलिए सोने की जो कीमतें अंतर्राष्ट्रीय मार्कट में होती है वहां मामूली बढ़ोतरी के साथ उसी कीमत पर सोना मिल जाता है.
जबकि भारत में ऐसी स्थिति नहीं है. भारत में सोने पर टैक्स लगने के बाद इसकी कीमतें बढ़ जाती है. यही वजह है कि भारत के संगठित अपराध गिरोह दुबई में भारत के मुकाबले सस्ता सोना खरीदते हैं फिर उसे भारत के बाजार में खपाकर मोटा मुनाफा कमाते हैं.
वैध तरीके से सोना लाना है महंगा सौदा
अब एक दूसरी परिस्थिति पर विचार कीजिए. मान लीजिए कि अगर कोई व्यक्ति कानूनी तरीके से दुबई एक किलो सोना लाना चाहता है तो उसे कीमत के अलावा कितना अतिरिक्त पैसा चुकाना पड़ेगा.
इसे एक उदाहरण से समझिए
मान लीजिए दुबई में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹82,000 प्रति 10 ग्राम है. एक किलो सोने की कीमत 82 लाख होगी. इस पर 13.75% (12.5% बेसिक कस्टम ड्यूटी + 1.25% सोशल वेलफेयर सरचार्ज जोड़ें तो 11,27,500 रुपये कस्टम ड्यूटी बनती है. इसके बाद 3 फीसदी जीएसटी जोड़ा जाता है. ये रकम 2,79,825 रुपये होती है.
इस तरह से 82 लाख के अलावा उसे 14 लाख 7 हजार 325 रुपये उसे चुकाने पड़ेंगे.
भारत में सोने की तस्करी की मुख्य वजह इन्हीं ड्यूटी और टैक्स की चोरी करना है. ये ड्यूटी और टैक्स व्यापार संतुलन बनाने में अहम रोल निभाते हैं और सरकार की कमाई का एक जरिया भी हैं. लेकिन अगर तस्कर भारत में छिपते-छिपाते एक किलो सोना ले आता है तो सरकार को लाखों का नुकसान और तस्कर को लाखों का फायदा होता है.
बता दें 1 किलोग्राम से ज्यादा सोने को कस्टम फॉर्म में घोषित करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर सोना जब्त हो सकता है, और जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
1 किलो से ज्यादा सोना लाने पर हैवी ड्यूटी
यदि कोई व्यक्ति 1 किलोग्राम से अधिक सोना लाता है, तो सामान्य कस्टम ड्यूटी 38.5% लागू होती है. क्योंकि भारत सरकार इस उपयोग को निजी इस्तेमाल के लिए खरीदा गया सोना नहीं मानती है. बल्कि इसे व्यावसायिक उद्देश्य का खरीद समझती है. और इस पर हैवी ड्यूटी लगाती है.
यह दर उस स्थिति में है जब यात्री विदेश में 6 महीने से कम समय तक रहा हो. इस 38.5 फीसदी का ब्रेकअप इस प्रकार है (10% बेसिक कस्टम ड्यूटी + 25% अतिरिक्त शुल्क + 3.5% सोशल वेलफेयर सरचार्ज). इसके अलावा 3 फीसदी जीएसटी भी है. इसके अलावा आने-जाने का खर्च और सुरक्षा संबंधी खर्चे अलग हैं.
कहने का मतलब है कि 1 किलोग्राम से ज्यादा सोने पर आमतौर पर 38.5% कस्टम ड्यूटी + 3% GST लगता है, यानी कुल मिलाकर करीब 41.5% टैक्स. यह दर यात्रियों के लिए है जो विदेश से सोना लाते हैं.
इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति बिना आयात लाइसेंस (DGFT से अनुमति) के 1 किलोग्राम से अधिक सोना लाता है और इसे व्यावसायिक माना जाता है, तो 38.5% ड्यूटी लगती है. सामान्य व्यावसायिक आयात में 7% ड्यूटी होती है, लेकिन बिना लाइसेंस के यह उच्च दर लागू होती है.
नजदीकी और आसान रास्ते
UAE और खाड़ी देशों से सोने की तस्करी की और भी वजहें हैं. दुबई समेत खाड़ी के कई शॉपिंग केंद्र भारत से काफी नजदीक है. दुबई जाना बहुत आसान है. कई बार भारत से दुबई का किराया 9 हजार रुपये होता है. ये रकम तो भारत के दो शहरों के बीच के हवाई किराये से भी कम है. भारत से रोज़ाना सैकड़ों उड़ानें और जहाज़ इन देशों से भारत आते हैं. गौरतलब है कि रान्या राव पिछले कुछ दिनों में चार बार दुबई का दौरा कर चुकी थी.
संगठित अपराध गिरोह
भारत में सोना तस्करी का बड़ा गिरोह सक्रिय है. ये लोग UAE से सोना खरीदते हैं और भारत में बेचते हैं. ये तस्क लोगों को "मुल्स" (वाहक) के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जो थोड़े पैसे के लिए सोना लाते हैं. डॉयरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस का कहना है कि अभिनेत्री रान्या राव 15 दिनों में 4 बार दुबई गई थी.