लखनऊ: महिला बॉस से थीं पत्नी की नजदीकियां, तंग आकर पति ने दी जान

लखनऊ में टाइपराइटर बाबा के नाम से मशहूर गोमती नगर के विराम खंड इलाके में रहने वाले कृष्ण कुमार के बेटे निखिल ने अपनी पत्नी की महिला बॉस से नजदीकी के चलते आत्महत्या कर ली है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 20 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST
  • महिला बॉस के घर जाना चाहती थी पत्नी
  • पति ने किया मना, नहीं मानी तो दे दी जान

लखनऊ में पत्नी की महिला बॉस से नजदीकी से तंग आकर पति ने फांसी लगाकर जान दे दी है. युवक ने इंस्पेक्टर, एसीपी और पुलिस कमिश्नर को सुसाइड नोट लिखकर पत्नी के साथ उसकी महिला बॉस की नजदीकी को जिम्मेदार बताया है. फिलहाल पुलिस ने 3 लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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लखनऊ में टाइपराइटर बाबा के नाम से मशहूर गोमती नगर के विराम खंड इलाके में रहने वाले कृष्ण कुमार के बेटे निखिल ने अपनी पत्नी की महिला बॉस से नजदीकी के चलते आत्महत्या कर ली है. बताया जा रहा है कि निखिल ने इंस्पेक्टर गोमती नगर, एसीपी गोमती नगर और पुलिस कमिश्नर के नाम पर 3 अलग-अलग सुसाइड नोट लिखे थे.

क्या है मामला?

तीनों सुसाइड नोट में मृतक निखिल ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी अंजू गुप्ता जब से अहमामऊ कल्याणी ग्रुप के दफ्तर में काम करने लगी, तब से उनके रिश्ते में खटास आ गई. कंपनी के मैनेजर महिपाल और उनकी पत्नी शशि किरण के संपर्क में आने के बाद से उसकी पत्नी अंजू गुप्ता 7 साल की बेटी वैष्णवी को लेकर अपनी महिला बॉस (शशि किरण) के साथ रहने की जिद करने लगी है. उसकी बात नहीं मानने पर अंजू जहर खाकर जान देने की धमकी दे रही है.

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इसी से तंग आकर निखिल ने गोमती नगर के विराम खंड स्थित अपने मकान की पहली मंजिल के कमरे में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं मौके से बरामद तीन और सुसाइड नोट के आधार पर गोमती नगर थाने में मृतक की पत्नी अंजू गुप्ता, महिला बॉस शशि किरण और उसके पति पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है.

टाइपराइटर बाबा हैं निखिल के पिता

निखिल के पिता कृष्ण कुमार लखनऊ में टाइपराइटर बाबा के नाम से मशहूर हैं. हजरतगंज के जीपीओ पर टाइपिंग से परिवार का पेट पालने वाले कृष्ण कुमार को अगस्त 2015 में वीवीआईपी मूवमेंट के चलते स्थानीय दारोगा ने लात मार कर टाइपराइटर फेंक दिया था, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.

इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर कृष्ण कुमार को तत्कालीन डीएम राजशेखर और एसएसपी लखनऊ राजेश पांडे ने सब इंस्पेक्टर की करतूत पर माफी मांगते हुए नया टाइपराइटर घर जाकर दिया था. तभी से कृष्ण कुमार टाइपराइटर बाबा के नाम से मशहूर हैं.

 

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