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बुलंदशहर में दबंगों की पिटाई से महिला की मौत, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के अहमदगढ़ पुलिस स्टेशन के पापरी गांव में दबंगों की पिटाई की वजह से एक महिला की मौत हो गई. इस मामले में लापरवाही के आरोप में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है. मृतक महिला के पति की तहरीर के आधार पर केस दर्ज करके जांच की जा रही है.

बुलंदशहर में दबंगों की पिटाई की वजह से एक महिला की मौत हो गई. बुलंदशहर में दबंगों की पिटाई की वजह से एक महिला की मौत हो गई.
aajtak.in
  • बुलंदशहर ,
  • 12 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के अहमदगढ़ पुलिस स्टेशन के पापरी गांव में दबंगों की पिटाई की वजह से एक महिला की मौत हो गई. इस मामले में लापरवाही के आरोप में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है. मृतक महिला के पति की तहरीर के आधार पर केस दर्ज करके जांच की जा रही है.

बुलंदशहर जिले के शिकारपुर के सर्किल ऑफिसर विकास प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि 9 नवंबर को सुनीता देवी और उनके पति ओमकार सिंह पापरी गांव में एक तालाब से सिंघाड़े इकट्ठा करके घर लौट रहे थे. रास्ते में सुनीता और गांव की स्थानीय महिलाओं के एक समूह के बीच कहासुनी हो गई.

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इसके बाद दबंग महिलाओं ने सुनीता देवी पर जानलेवा हमला करना शुरू कर दिया. उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी. उसके पति ओमकार ने किसी तरह बीच-बचाव कर अपनी पत्नी को घटनास्थल से दूर ले गया, लेकिन उसकी हालत बहुत खराब हो गई. इस घटना के अगले ही दिन पीड़िता की मौत हो गई. 

पीड़ित परिवार ने दावा किया कि उन्होंने 9 नवंबर को अहमदगढ़ पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. यदि समय रहते पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई कर दी होती, तो शायद झगड़े की नौबत ही नहीं आती और इस तरह पीड़िता की जान बच सकती थी.

सीओ ने कहा कि प्रथम दृष्टया इस मामले में लापरवाही बरतने के बाद अहमदगढ़ पुलिस स्टेशन में तैनात सब इंस्पेक्टर सौरव कुमार और कांस्टेबल आशु कुमार को पुलिस लाइन में स्थानांतरित कर दिया गया है. इस घटना में शामिल दो महिलाओं को हिरासत में ले लिया गया है. इस मामले की जांच जारी है.

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बताते चलें कि पिछले महीने बुलंदशहर में एक विशेष समुदाय के दबंगों ने पुलिस स्टेशन पर पथराव कर दिया था. दरअसल, जिले के गद्दीवाड़ा इलाके में पुलिस दल पर पत्थर फेंकने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था. ये लोग कुछ लोगों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. 

पुलिस के मुताबिक यह गिरफ्तारी तब की गई जब अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने एक स्वयंभू धर्मगुरु द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि पथराव के दौरान स्थानीय थाना प्रभारी के घायल होने की झूठी सूचना दी गई थी. 

एसएसपी ने कहा कि इससे पहले दिन में सिकंदराबाद पुलिस स्टेशन क्षेत्र में लोगों का एक समूह इकट्ठा होकर नारे लगाने लगा. स्थानीय पुलिस ने हस्तक्षेप किया और भीड़ को तितर-बितर किया. इस दौरान कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया. इसके विरोध में लोगों ने थाने के बाहर पथराव शुरू कर दिया.

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