
इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग के 6 महीने बीतने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम गाजा के अस्पतालों का दौर कर रही है. शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ की टीम खान यूनिस शहर के दो अस्पतालों में पहुंची. वहां तबाही को देखकर टीम के सदस्य दंग रह गए. अस्पताल की इमारत जहां-तहां टूटी फूटी नजर आई. वही अस्पताल के अंदर फर्स पर कई जगहों पर खून के धब्बे दिखाई दिए.
यहां तक कि अस्पातलों में लगे मशीन पूरी तर बर्बाद हो चुके हैं. वहां हर जगह हैरान और परेशान करने वाला नजारा दिखा. डब्ल्यूएचओ की टीम के एक सदस्य ने अस्पतालों की हालत देखकर कहा कि ये किसी भी कल्पना से परे है. डॉ. रिचर्ड पीपरकोर्न ने कहा, ''यहां एक भयानक सन्नाटा है. कोई भी नहीं है. कहीं कुछ भी नहीं है. अधिकांश उपकरण और मशीनरी क्षतिग्रस्त हैं. अस्पताल पूरी तरह निष्क्रिय हैं. उनकी हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां कितनी तबाही हुई है. यहां मरीजों का इलाज होना चाहिए था, लेकिन तबाही का मंजर है.''
कुछ दिन पहले इजरायल की सेना ने दक्षिणी गाजा में अपने सैन्य अभियान को खत्म करन खान यूनिस शहर से निकल गई थी. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम यहां पहुंची है. टीम के सदस्यों ने नासिर और अल-अमल अस्पताल का दौर किया और यहां हुई तबाही का जायजा लिया. पिछले साल अक्टूबर में हमास के हमले के बाद आईडीएफ ने रिहायशी इलाकों के साथ अस्पातलों को भी तबाह कर दिया है. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम अस्पतालों को ठीक करने की कोशिश कर रही है, ताकि फिलिस्तीनियों को उचित इलाज मिल सके.
उधर, इजरायल और ईरान के बीच कभी भी जंग छिड़ सकती है. सीरिया में अपने दूतावास पर हमले का बदला लेने के लिए ईरान किसी भी समय इजरायल पर अटैक कर सकता है. अमेरिकी मीडिया में कहा जा रहा है कि ईरान इजरायल के सैन्य ठिकानों को तबाह करने के लिए 100 से ज्यादा ड्रोन, दर्जनों क्रूज़ मिसाइलें और संभवतः बैलिस्टिक मिसाइलें भी दाग सकता है.
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वहीं ईरानी हमले के मद्देनजर इजरायल में सुरक्षाकर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. इसके साथ ही सैनिकों की छुट्टिया रद्द कर वापस बुला लिया गया है. ईरानी हमले की आशांक के बीच इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अमेरिकी सैन्य कमांडर जनरल माइकल एरिक से मुलाकात भी की है. हटज़ोर एयरबेस पर हुई इस मुलाकात के बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि हम दुश्मन से मुकाबले को तैयार हैं.
अमेरिकी राष्टपति जो बाइडेन ने भी ईरान के इजरायल पर हमला करने की आशंका जताई है. राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि ईरान अगर इजरायल पर हमला करता है तो ये उसकी बड़ी गलती होगी और ईरान सफल नहीं हो पाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइज़री जारी की है.
भारत ने भी अपने नागरिकों से कहा है कि वे अगली सूचना जारी होने तक ईरान या इजरायल की यात्रा न करें. बता दें कि एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था. इजरायल के इस हमले में ईरान के एलीट कुद्स फ़ोर्स के शीर्ष कमांडर और उनके डिप्टी सहित 13 अधिकारियों की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच व्यापक स्तर पर तनाव चल रहा है.