कर्नाटक के हासन तालुका के शंखा गांव में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां किसान शिवन्ना पारिवारिक समस्याओं से तंग आकर कुछ दिन के लिए घर छोड़कर चला गया था. उसके घर वाले 15 दिन तक उसकी तलाश करते रहे, लेकिन वो नहीं मिला. परिवार वालों ने किसान शिवन्ना को लापता समझकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस को दी.
पुलिस को शिकायत मिलने के बाद पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ आया. पुलिस को शिकायत वाले दिन हासन बस टर्मिनस के पास से एक सड़ी-गली लाश मिली. शव बुरी तरह खराब हो चुका था और इसकी पहचान नहीं हो पा रही थी.
पुलिस ने किसान शिवन्ना की पत्नी दीपा को शिनाख्त के लिए मौके पर बुलाया. दीपा ने जब शव देखा तो उसने शिवन्ना का शव होने से इनकार कर दिया. दीपा ने पुलिस को बताया कि यह उनके पति का शव नहीं है. क्योंकि शव के शरीर पर मौजूद कपड़े शिवन्ना के कपड़ों से मेल नहीं खाते.
दीपा की बात मानने से पुलिस ने इनकार कर दिया. पुलिस ने दीपा पर दवाब डाला और कहा कि शव शिवन्ना का ही है. चूंकि शव को पहचाना नहीं जा सकता था इसलिए पुलिस ने शव परिवार को सौंप दिया.
इसके बाद शव को शिवन्ना के परिजनों ने उसी दिन दफना दिया. शिवन्ना के पिता तिरुमलैया ने अंतिम संस्कार के बाद ग्यारहवें दिन मृत्यु भोज रखा. रिश्तेदारों में कार्ड बांटे गए.
इस कार्यक्रम का कार्ड बेंगलुरु में शिवन्ना के रिश्तेदार के घर पहुंचा. जहां शिवन्ना पिछले 15 दिन से रह रहा था. रिश्तेदार ने शिवन्ना को बताया कि उसे घर वाले मृत समझ बैठे हैं. यह खबर मिलने के बाद शिवन्ना घर पहुंचा तो सब हैरान रह गए.
शिवन्ना के घर लौटने पर परिवार वालों ने खुशी जताई. उसके घर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. पुलिस को जानकारी दी और और दफनाए गए शव को निकलवाया गया. लावारिस शव की पुलिस अब तक शिनाख्त कर रही है.