देश की राजधानी दिल्ली में लगातार स्पा और मसाज सेंटरर्स पर छापेमारी की गई. पुलिस और दिल्ली महिला आयोग की टीम ने स्पा सेंटर में काम करने वाली महिलाओं को मुक्त कराने का दावा किया. छापे की कार्रवाई से स्पा और मसाज सेंटर बंद होने लगे. स्पा में काम करने वाले सड़कों पर आ गए. आयोग के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. सवाल उठने लगा कि क्या सारे स्पा सेंटरों में सेक्स रैकेट चल रहे हैं. आखिर क्या होता है वहां. 'आज तक' ने मौके पर जाकर जानी सारी हकीकत. दिल्ली में इन दिनों मसाज पार्लर और स्पा सेंटर को लेकर कोहराम मचा हुआ है. ये कोहराम मचना तब शुरु हुआ जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालिवाल ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्पा सेंटरों पर छापा मारकर आरोप लगाया कि वहां सेक्स रैकेट का धंधा फल-फूल रहा है. दिल्ली पुलिस ने कुछ मामलों में एफआईआर भी दर्ज की.
इन छापों के बाद स्वाति मालिवाल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लेटर लिखकर आरोप लगाया कि उन्हें और उनके परिवार को स्पा सेंटर के मालिकों से जान से मारने की धमकी मिल रही है. इधर, स्पा सेंटर में काम करने वाली सैकड़ों महिलाओं ने दिल्ली महिला आयोग के दफ्तर के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. स्वाति मालिवाल पर झूठी कहानी बनाने का आरोप लगाया. ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिर दिल्ली के मसाज पार्लर और स्पा सेंटर का सच क्या है. कैसे होता है, इन सेंटरों में काम? क्या सभी सेंटर नियम और कानून का पालन कर रहे हैं. ये जानने के लिए हमारी टीम सबसे पहले पहुंची पहाड़गंज के न्यू परफेक्ट स्पा सेंटर पर.
पहाड़गंज के उस स्पा सेंटर में 3 महिलाएं मौजूद थीं. वहां कुछ छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं. इन कमरों में लगा है छोटा सा बेड. कमरे में छोटा एसी भी लगा है. इन्हीं कमरों में मसाज का काम किया जाता है. स्पा सेंटर के मालिक ने पहले तो कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
हालांकि उसके बाद कैमरे के सामने ही कहा कि यहां मसाज होता है. महिलाएं ही महिलाओं का मसाज करती हैं जबकि पुरुष केवल पुरुषों का मसाज करते हैं. हर कमरे के बाहर पर्दे लगे हैं. वहां मौजूद तीनों महिलाएं कैमरा देख कर अपना चेहरा छुपा रही हैं. नियमों के मुताबिक किसी भी कमरे में दरवाजा नहीं लगा हुआ है. सिर्फ पर्दे लगे हुए हैं. लेकिन हमारे रियलिटी चेक से यहां काम करने वाली महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा. फिर कैमरे पर मसाज करने वाली महिला ने दिल का दर्द बयां किया.
महिला ने 'आज तक' से कहा कि यहां पर लड़कियां सिर्फ लड़कियों की मसाज करती हैं. जबकि आदमी सिर्फ आदमी का करते हैं. स्वाति मालिवाल गलत कह रही हैं कि हर जगह सेक्स होता है. नहीं होता सर. हम सैलरी पर हैं. अगर लगता है स्पा सेंटर बंद हो जाए तो हमारे 4 बच्चे हैं. मेरा पति नहीं है.
बोलो अगर वो हमें 25 हजार सैलरी दें. तो हम ये काम छोड़ देंगे. सब कुछ छोड़ देंगे. सबको नौकरी दिलाएं. लाखों लड़कियां इस लाइन में काम कर रही हैं. उन सभी को नौकरी दिलाएं तो हम काम छोड़ देंगे. ठीक है स्पा बंद हो जाए कोई बात नहीं, लेकिन ये गलत कर रहे हैं. क्या मतलब बनता है कि पेट में लात मार दें. हर जगह सेक्स रैकेट नहीं चल रहा है. यहां विदेशी भी आते हैं. सैलरी 15 हजार, 20 हजार और 25 हजार रुपया प्रतिमाह मिल जाता है.
उस महिला ने बताया कि बैक मसाज होता है. फ्रंट मसाज होता है. हेड मसाज होता है. इस मसाज पार्लर को एमसीडी का लाइसेंस भी मिला हुआ है. हालांकि वहां फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं. ना नियमों के मुताबिक स्पेस है. स्पा सेंटर के मालिक भी सेक्स रैकेट चलाने के आरोपों को खारिज करते हुए अपनी दलील दे रहे हैं.
उनका कहना है कि वहां कोई गलत काम नहीं होता. लाइसेंस भाई के नाम पर है. पहाड़गंज में कई स्पा सेंटर ऐसे भी थे, जो बिना लाइसेंस के चलाए जा रहे थे. लेकिन अब वो बंद कर दिए गए हैं. पहाड़गंज के बाद हमारी टीम पहुंची करोलबाग के THE GRAND SPA. करोलबाग का ये स्पा सेंटर तमाम नियमों और कानून की धज्जियां उड़ाता हुआ प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा है.
नियम के मुताबिक स्पा सेंटर और मसाज पार्लर में बने कमरों में दरवाजे नहीं होने चाहिए बल्कि पर्दे लगे होने चाहिए लेकिन यहां तो हर कमरे में दरवाजे लगे हुए मिले. कमरों में धीमी लाइट्स हैं. मैनेजर ने एक दरवाजा खोलकर दिखाने की कोशिश की, जो नहीं खुला. फिर दूसरा दरवाजा खोला और बताया कि दरवाजा तो है लेकिन ये हम लॉक नहीं करते. करोलबाग के उस स्पा सेंटर में छोटे-छोटे कमरे हैं. जिसमें बेड लगा हुआ है. मसाज के लिए तमाम सामान रखा है. लेकिन जब हमने नियमों के खिलाफ लगे इन दरवाजों के बारे मे पूछा तो मैनेजर ने पहले तो आना-कानी की फिर गलती मानते हुए दरवाजे हटा लेने की बात कही.
मैनेजर ने हमारी टीम से कहा कि दरवाजा है लेकिन बंद नहीं करते. बोला कल से यहां एक भी दरवाजा नहीं होगा. कन्फर्म है आपको यहां पर्दे लगे मिलेंगे. इतना ही नहीं इस स्पा सेंटर के पास लाइसेंस भी नहीं है. मैनेजर के मुताबिक लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है लेकिन मिला नहीं है. जबकि आस-पास के लोगों का कहना है कि ये स्पा सेंटर काफी सालों से चलाया जा रहा है. करोलबाग के उस स्पा सेंटर में काम करने वाली लड़कियां भी अपनी दलील देती हैं. उनका कहना है कि वो प्रोफेशनल थेरपिस्ट हैं. वहां कोई गलत काम नहीं होता. सब गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. स्पा सेंटर में काम करने वाली इन लड़कियों की दलीलें अपनी जगह हैं. लेकिन हमारी तहकीकात में ये बात तो साफ हुई कि करोलबाग का वो स्पा सेंटर नियम और कानून को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अपना धंधा चला रहा है.
दिल्ली में कई ऐसे स्पा सेंटर भी हैं, जो बेहद प्रोफेशनल अंदाज में अपना काम कर रहे हैं और तमाम नियम और कानूनों का पालन कर रहे हैं. ऐसे ही एक स्पा सेंटर पर हमने रियलिटी चेक किया. जिसमें हर कमरे में पर्दा लगा हुआ था. एक कमरे में पुरुष ही एक पुरुष की मसाज कर रहा था. इस सेंटर में काम करने वाले धीरेंद्र ने बताया कि कुछ जगहों पर गलत भी हो रहा है. उस पर एक्शन लिया जाना चाहिए. लेकिन एक गंदा काम करता है तो बदनाम सब हो जाते हैं. संचालक का कहना था कि वे चाहते हैं कि पहले सर्वे करें. वेरिफिकेशन करें. सबके लाइसेंस की जांच करें फिर गलत होने पर एक्शन लें.
स्पा सेंटर और मसाज पर मचे बवाल पर दिल्ली पुलिस से भी हमने बात की. डीसीपी सेंट्रल और दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम.एस. रंधावा का कहना है कि ये सिविक एजेंसी रेग्युलेट करती हैं. फिर भी हमें शिकायत आती हैं. कोई गलत काम होता है तो हम टाइम पर एक्शन लेते हैं. कई लोगों के खिलाफ हम एक्शन ले भी चुके हैं. पहाड़गंज और करोलबाग में भी हमने एक्शन लिया है. उधर, इन सबके बीच अब स्पा सेंटर और मसाज पार्लर में काम करने वाली महिलाओं और मालिकों ने भी मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली महिला आयोग के दफ्तर के बाहर धरना देकर अपनी बात सुनने के लिए कहा है.
ये स्पा-मसाज सेंटर के नियम
अब ये जानने की ज़रूरत है कि स्पा सेंटर और मसाज पार्लर चलाने के लिए क्या नियम हैं. पहले तो लाइसेंस होना चाहिए. स्पा सेंटर या मसाज पार्लर के लिए कम से कम 900 स्क्वायर फुट स्पेस होना चाहिए. कमरों में दरवाजे नहीं होने चाहिए. वहां पर्दे लगे होने चाहिए. महिलाएं सिर्फ महिलाओं की मसाज करें. पुरुष केवल पुरुष की. मसाज और स्पा देने वालों के पास डिग्री होनी चाहिए. फायर की एनओसी भी होना ज़रूरी है.