देश के साथ दिल्ली-एनसीआर में हाल के दिनों में रेप और गैंगरेप जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है. वहीं, दूसरी ओर एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें महिलाओं ने सरकारी धन राशि हड़पने के चक्कर में ड्रामा रच डाला. यह मामला गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र इलाके का है.
पुलिस का दावा है कि एक महिला ने देर रात फोन कर सूचना दी कि उसके साथ गैंगरेप किया गया है. पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की तो सारा मामला फर्जी निकला. पुलिस ने कार्रवाई आगे करते हुए जब जांच की तो उनके सामने चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.
पुलिस के सामने यह बात आई कि दो महिलाओं ने फर्जी तरीके से प्लानिंग कर खुद को बलात्कार पीड़िता साबित कर और घटना की पुलिस रिपोर्ट बनवाकर रेप पीड़िता धन कोष में आई राशि हड़पना चाहती थीं. लेकिन पुलिस की तत्पर कार्रवाई के चलते ऐसा नहीं हो सका. बहरहाल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और झूठी सूचना देने के आधार पर पुलिस दोनों महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
दरअसल, गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में एक महिला से गैंगरेप और महिला को सड़क किनारे फेंके जाने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को मिली थी जिसके बाद पुलिस की पीआरवी ने महिला को गाजियाबाद के संजयनगर स्थित जिला सयुंक्त अस्पताल में एडमिट कराया. मसूरी थाना इलाके में हुई इस गैंगरेप की घटना की जानकारी मसूरी थाना पुलिस को मिली जिस पर मसूरी थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. (Demo Photo)
पुलिस के अनुसार, प्रारम्भिक जांच में महिला ने पुलिस को बताया कि वह हापुड़ से किसी काम से लौट रही थी और छोटे हाथी (वाहन) में उसने लिफ्ट ली. छोटे हाथी के ड्राइवर और उसमें सवार एक अन्य शख्स ने उसके साथ जबरन गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. गैंगरेप के बाद छोटे हाथी में सवार दोनों लोग उसे डासना फ्लाईओवर के पास फेंक कर फरार हो गए. (Demo Photo)
शुरुआती जांच में ही पुलिस को महिला की बातों पर शक होना शुरू हो गया. दरअसल, महिला ने अपनी मेडिकल जांच करवानने से मना कर दिया. इसके बाद पुलिस को शक हुआ तो पुलिस ने महिला की कॉल डिटेल निकाली और अस्पताल में पीड़ित महिला के पास ताक-झांक में जुटी एक अन्य महिला से उसके अस्पताल आने और पीड़िता की ताक-झांक की वजह जाननी चाही. (Demo Photo)
इसके बाद सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. दूसरी महिला ने स्वीकार कर लिया कि दोनों महिलाओं ने मिलकर प्लानिंग की और गैंगरेप की फर्जी कहानी बनाई थी. पुलिस की ज्यादा पूछताछ में सामने आया कि महिलाओ ने ऐसे मामलों में सरकार की तरफ से मिलने वाली एक बड़ी सहायता राशि को हड़पने को लिए ये ड्रामा रचा था.
इस सच को जानने के बाद पुलिस ने दोनों महिलाओं के खिलाफ पुलिस को झूठी सूचना देने का मुकदमा दर्ज कर लिया और दोनों को जेल भेजने की कार्यवाही शुरू की.