उत्तर प्रदेश की पीलीभीत पुलिस ने बुधवार को दो तांत्रिक सहित 10 आरोपियों को पकड़ा. इन आरोपियों ने चार साल के एक मासूम बच्चे की बलि चढ़ा दी. खजाना पाने के चक्कर मे बच्चे के शरीर मे कई छेद कर दिए और कान भी काट लिए. फिर तड़पते बच्चे को तालाब में फेंक दिया. एसपी के आदेश पर इस मामले में एफआईआर हुई. (प्रतीकात्मक फोटो)
बीसलपुर थाना क्षेत्र के पुरैनिया रामगुलाम गांव निवासी प्रेम शंकर बीते 17 नवंबर को सुबह तालाब से सिंघाड़ा निकालने के लिए गए थे. उसके पीछे एक बेटी सवित्री व दो बेटे बाबूराम और 4 साल का बेटा अरुण घर के बाहर खेलने लगा. इसी बीच खेलते-खेलते अरुण गायब हो गया.
जब अरुण के पिता सिंघाड़ा निकाल कर वापस घर आए तो घर में दो बच्चे मिल गए, 4 साल का अरुण नहीं मिला. प्रेम शंकर ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन कुछ पता नहीं चला. इसके बाद बीसलपुर थाने में शिकायत देकर पुलिस से तलाश की गुहार लगाई. अगले ही दिन गांव के तालाब में मासूम अरुण का शव तैरता हुआ मिला.
शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. बीसलपुर पुलिस घटना के दिन से तक डूबने को बच्चे की मौत का कारण बताती रही लेकिन अरुण के पिता ये बात बिल्कुल मानने को तैयार नहीं थे. प्रेम शंकर लगातार पुलिस के चक्कर काटते रहे पर पुलिस ने एक नहीं सुनी. फिर प्रेम शंकर खुद हत्या की वजह तलाशने में जुट गए.
तालाब के आसपास के खेत में जहां शव मिला था, वह वहां के सभी खेतों में चक्कर काटते रहे. फिर एक जगह तंत्र-मंत्र किया हुआ मिला. तब फिर परेशान बाप पुलिस के पास न जा कर विधायक के पास गया. विधायक ने एसपी को बताया कि तंत्र-मंत्र की बातें इस गांव में आम हैं, अरुण का पिता भी बता रहा है कि तंत्र-मंत्र के चलते ही उसके बेटे को मारा गया है.
उसके बाद एसपी अभिषेक दीक्षित ने पीएम रिपोर्ट मंगाई. पूरी पीएम रिपोर्ट एसपी के सामने थी जिस में साफ-साफ शरीर पर गंभीर चोट बताई गई. इस रिपोर्ट में एक बात साफ हो गई कि अरुण को सुइयों से छेदा गया और कान काटा गया, तब तक मासूम जिंदा था. तंत्र-मंत्र पूरा होने के बाद बच्चे को तड़पता हुआ तालाब में फेंक दिया गया, जहां बच्चे की डूब कर मौत हो गई.
इसी बात को आधार बनाकर बीसलपुर थाने के इंस्पेक्टर ने बच्चे की डूबने से मौत बताकर मामले को खत्म कर दिया. एसपी ने पीएम रिपोर्ट देखने के बाद फटकार लगाते हुए कार्यवाही करने का आदेश दिया और जल्द खुलासा करने को कहा.
पीड़ित पिता ने नाम दर्ज शिकायत दी जिसमें दो तांत्रिक, एक महिला सहित 12
लोगों के नाम थे जिसमें से 10 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया.
पूछताछ में घटना की पुष्टि होने पर 10 आरोपियों को जेल भेज दिया.
प्रेम शंकर ने बताया कि हम काम पर गए थे. मेरे तीनों बच्चे खेल रहे थे,
एक गायब हो गया तो पुलिस को सूचना दी. 18 नवंबर को बच्चे का शव मिला.
वहीं, एक खेत में तंत्र-मंत्र किया हुआ था. सुधीर के खेत में तंत्र-मंत्र हुआ
था तो उसी पर शक हुआ. माया का जाल खेत में फैला था. उसके बेटे की हत्या की गई और
खजाने को पाने के लिये बलि दी गई. बच्चे के मृत शरीर पर सूजा घोंपने से
निशान हैं, कान और पैर में छेद हैं, कान कटा हुआ है, आंख पर भी चोट
है. दस लोगों ने तांत्रिक के कहने पर 4 साल के अरुण को तड़पाकर मार डाला.
तांत्रिक चन्द्रपाल ने खजाना पाने के लिये तंत्र विद्या करने के उद्देश्य से अपने 11 साथियों के साथ मिल कर 4 साल के अरुण की बलि दे दी. हत्या में इस्तेमाल किया गया सूजा, खून से सना कपड़ा,और पूजा का सामान, त्रिशूल के साथ पुलिस ने 10 लोगों को पकड़ लिया. वहीं, दो अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुट गई है. बड़ी बात यह है कि यह गांव तंत्र-मंत्र के लिये जाना जाता है जिसकी खबर थाने की बीट पुलिस को थी. फिर भी थाने की पुलिस ने मामले को हल्के में लिया.