कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए एक परिवार रात में अंगीठी जलाकर सोया लेकिन सुबह तक सभी बेहोशी की हालत में पहुंच गए. परिजन दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और सभी को अस्पताल ले गए, जहां पता लगा कि इनमें से दो बच्चों की मौत हो गई जबकि बाकी के चार सदस्यों की भी हालत गंभीर है. यह भयानक हादसा पंजाब के लुधियाना का है.
लुधियाना में बस्ती जोधेवाल के सुभाष नगर इलाके में सोमवार रात परिवार के साथ सो रहे दो बच्चों की मौत हो गई और 4 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए. इन बच्चों की मौत अंगीठी में आग जलने की वजह से बनी गैस की वजह से हुई.
दरअसल, यह परिवार रात को अंगीठी जलाकर सोया हुआ था. सुबह जब उठे तो गौरव और सौरव नामक दोनों बच्चों की जहरीली गैस चढ़ने से मौत हो चुकी थी. उनके माता-पिता और उनके घर में रहने आए उनके रिश्तेदारों की गंभीर हालत हो चुकी थी जिन्हें लुधियाना के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
पुलिस के मुताबिक, यह परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और बीते चार-पांच महीनों से चंद्रलोक कॉलोनी में रह रहा था. बीती रात वह बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सो गए.
जब सुबह के वक्त दरवाजा खटखटाने पर उन्होंने दरवाजा न खोला तो अंदर देखा तो सभी बेहोश थे. मौके पर एंबुलेंस को बुलाया और लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही 2 बच्चों की मौत हो चुकी थी, जबकि उनके माता-पिता व रिश्तेदारों को सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया.
सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल अफसर के मुताबिक, उन्हें जानकारी मिली थी कि 6 लोगों को अस्पताल में लाया गया, जिनमें से 2 बच्चे भी शामिल थे. इनमें से दो बच्चों की पहले ही मौत हो चुकी थी. रात को कमरे में अंगीठी जलाने से यह हादसा हुआ. शरीर में गैस चढ़ने से दोनों बच्चों की मौत हो गई जबकि उनके माता-पिता व रिश्तेदार गंभीर हैं.
गौरतलब है कि पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसमें बंद कमरे में अंगीठी पर आग सेंकने की वजह से कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं. इसलिए जरूरत है लोगों को जागरूक होने की ताकि वो अंगीठी का इस्तेमाल खुले में करें, न कि किसी बंद कमरे में. क्योंकि इससे निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड नामक गैस इतनी जहरीली होती है कि किसी की भी जान ले सकती है.