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जुर्म

फांसी के ट्रायल में मिट्टी के बोरे में क्यों लगाया जाता है फंदा?

aajtak.in
  • 14 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST
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न‍िर्भया केस के दोष‍ियों को कभी भी फांसी दी जा सकती है. दोषियों की दया याच‍िका राष्ट्रपत‍ि के पास लंब‍ित है. उस पर फैसला होते ही चारों दोष‍ियों को फांसी हो सकती है. इसके ल‍िए फांसी की स्पेशल रस्सी भी बनवाई जा रही है और जल्लादों की भी खोज शुरू हो गई है. फांसी देने के ल‍िए कैदी के वजन की टेस्ट‍िंग कैसे होती है? कैदी के लटकने पर कहीं रस्सी ही न टूट जाए, इसके ल‍िए क्या तैयारी होती है? इन सब सवालों के जवाब जानने के ल‍िए  क्राइम तक की टीम ने पवन जल्लाद से बात की.

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जब क्राइम तक की टीम ने पवन जल्लाद से पूछा क‍ि फांसी का ट्रायल कैसा होता है? तो जवाब में पवन बोले, "जब फांसी की तारीख तय हो जाती है, तो हमें ट्रायल के ल‍िए बुलाया जाता है. फांसी की रस्से का ट्रायल क‍िया जाता है. ज‍ितने वजन के आदमी को फांसी देनी होती है, उतने वजन की म‍िट्टी एक बोरे में भरी जाती है. फ‍िर बोरे में ईंटों से 'गला' बनाया जाता है. उसके बाद बोरे को तख्ते पर र‍ख द‍िया जाता है. बोरे में जो गला जैसा बनाया था, उसमें रस्से को डाल द‍िया जाता है और बोरे को फांसी के फंदे पर टांग द‍िया जाता है."

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पवन ने आगे बताया, "इस सारी प्रक्र‍िया के बाद जेल प्रबंधन हमें रुमाल से इशारा करते हैं. जैसे ही हमें इशारा म‍िलता है, हम खटका खींच देते हैं और बोरी कुएं में लटक जाती है. यह टेस्ट‍िंग इसल‍िए की जाती है क‍ि जब असली में इतने ही वजन वाले कैदी की फांसी हो तो यह पता लग जाता है क‍ि इस प्रक्र‍िया में रस्सी टूटेगी या नहीं?"

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क्राइम तक की टीम ने जब पवन से फांसी की रस्सी के बारे में पूछा तो पवन ने बताया, "फांसी की रस्सी की तैयारी 8-10 द‍िन पहले ही कर लेते हैं. यह रस्सी बहुत खास होती है. पहले जूट की रस्सी से फांसी का फंदा बनता था, लेक‍िन अब मनीला रस्सी आ रही है. यह व्हाइट कलर की होती है. यह रस्सी ब‍िहार के बक्सर सेंट्रल जेल में कैदी बनाते हैं. यह रस्सी खास होती है जो 100 से 110 क‍िलो तक का भार उठा लेती है. यह रस्सी हमें तैयार म‍िलती है. इस रस्सी में कैरम बोर्ड में इस्तेमाल क‍िए जाने वाले पाउडर को लगाया जाता है, जिससे रस्सी खराब नहीं होती है."

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बता दें क‍ि पवन कुमार के परिवार ने जल्लाद के रूप में अभी तक 25 से ज्यादा लोगों को फांसी दी है. इस जल्लाद पर‍िवार की कहानी लक्ष्मण, कालूराम, बब्बू स‍िंह से होते हुए अब पवन जल्लाद पर आ गई है.

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गौरतलब है क‍ि निर्भया मामले में दोष‍ियों की फांसी के लिए उल्टी गिनती शुरू होते ही जल्लाद की खोज शुरू हो गई है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने जल्लाद की खोज के लिये उत्तर प्रदेश के जेल प्रशासन को चिट्ठी ल‍िखी है.  9  दिसंबर को तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से चिट्ठी ल‍िखी गई थी ज‍िसमें यूपी जेल प्रशासन से जल्लादों के बारे में ब्योरा मांगा गया. तिहाड़ जेल प्रशासन ने जल्लादों को जल्द से जल्द देने की बात भी इस च‍िट्ठी में कही थी.

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निर्भया केस मे दोष‍ियों को फांसी देने के ल‍िए जल्लादों की जरूरत पड़ेगी. यूपी में दो जल्लाद मौजूद हैं. दोनों में से किसी एक को यूपी जेल प्रशासन त‍िहाड़ जेल भेजेगा.

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