कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, एक बार फिर पुलिस ने बदमाशों और अवैध हथियारों की तस्करी करने वालों को बता दिया. पुणे के पिंपरी चिंचवड पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच यूनिट के 4 बहादुर पुलिसकर्मियों ने अबतक का सबसे बड़ा अवैध बंदूकों का जखीरा पकड़ा है और इस काम में शामिल खतरनाक गिरोह का भंडाफोड़ भी किया है.
(Photo Aajtak)
आजतक के साथ खास बातचीत में सहायक पुलिस आयुक्त सुधीर हिरेमठ ने बताया कि इस मामले में गिरोह के 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके पास से 42 देसी पिस्तौल और 66 जिंदा कारतूस बरामद किये. पुलिस के पास इस बात की भी पुख्ता जानकारी थी कि इन लोगों ने 75 बंदूकें पुणे के आसपास के इलाके में बेची हैं, जिसकी निशानदेही पर ये कामयाबी हासिल हुई.
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डीसीपी हिरेमठ ने बताया कि पुलिस को खुफिया जानकारी थी कुछ अवैध हथियारों की तस्करी होने वाली है. पुलिस ने इन तस्करों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था. सबसे पहले गणेश माली को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया. फिर उससे मिली जानकारी के आधार पर गोटू को गिरफ्तार किया गया.
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पुलिस लंबे समय से इस गिरोह के पीछे लगी हुई थी. मार्च के महीने में इन्हें पकड़ने की कोशिश की गई थी. लेकिन लॉकडाउन के चलते ये बाहर नहीं निकले. फिर मध्य प्रदेश के सिंघाना गांव में पकड़ने का प्रयास किया. लेकिन पुलिस को कामयाबी हासिल नहीं हुई. लॉकडाउन खत्म होने के साथ ही पुलिस का इंतजार भी खत्म हुआ ये लोग बाहर निकले और पिंपरी चिंचवड पुलिस ने इन्हें हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया.
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पुलिस ने जाल बिछाते हुए मानसिंह गुरुख भटिया और उसके साथी कालू सिंह को एक सुनसान जगह पर सौदे के लिए बुलाया था. लेकिन उन्हें कुछ भनक लगी और दोनों ने वहां से भागना शुरू किया. लेकिन पुलिस की टीम ने उन्हें दबोच लिया. उसके पास से पुलिस को कई पिस्टल और कारतूस मिले. पुलिस को जानकारी मिली है कि 85 प्रतिशत बंदूकें मध्य प्रदेश से आयात की जाती हैं. इन्हीं हथियारों के बल पर बड़े मर्डर किए जाते हैं.
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