निर्भया केस के दोषियों को कभी भी फांसी हो सकती है. आरोपियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है. उस पर फैसला होते ही चारों आरोपियों को फांसी हो सकती है. इस काम के लिए फांसी की रस्सी भी बनवाई जा रही है और जल्लाद की भी खोज शुरू हो गई है. (प्रतीकात्मक फोटो)
क्राइम तक की टीम ने ऐसे जल्लाद से बात की, जिनका यह खानदानी काम है. इस परिवार ने अभी तक 25 से ज्यादा लोगों को जल्लाद के रूप में फांसी दी है और आजाद भारत में अभी तक 57 फांसी हुई हैं. इस जल्लाद परिवार की कहानी लक्ष्मण, कालूराम, बब्बू सिंह से होते हुए अब पवन कुमार तक आ गई है. (प्रतीकात्मक फोटो)
क्राइम तक की टीम ने जब पवन से पूछा कि फांसी घर कैसा होता है? इस पर वह बोले, "इसका जवाब मैं नहीं दे सकता, हमारे अधिकारियों ने फांसी घर का नक्शा बताने के लिए मना किया है." (प्रतीकात्मक फोटो)
बता दें कि निर्भया मामले मे आरोपियों की फांसी के लिए उल्टी गिनती शुरू होते ही जल्लाद की खोज शुरू हो गई है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने जल्लाद की खोज के लिये उत्तर प्रदेश के जेल प्रशासन को चिट्ठी लिखी है. 9 दिसंबर को तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से चिट्ठी लिखी गई थी जिसमें यूपी जेल प्रशासन से जल्लादों के बारे में ब्योरा मांगा गया. तिहाड़ जेल प्रशासन ने जल्लादों को जल्द से जल्द देने की बात भी इस चिट्ठी में कही है. (प्रतीकात्मक फोटो)
निर्भया केस मे आरोपियों को फांसी देने के लिए जल्लादों की जरूरत पड़ेगी. यूपी में दो जल्लाद मौजूद हैं. दोनों मे से किसी एक को यूपी जेल प्रशासन तिहाड़ जेल भेजेगा. इस काम कि लिये तिहाड़ जेल प्रशासन जल्लादों के सारे खर्चों और यात्रा का खर्च भी वहन करता है. (प्रतीकात्मक फोटो)